कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
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देसी आम प्रजाति लुप्त होने के कगार पर
नूरपुर : सरकार की उपेक्षा के चलते निचले क्षेत्रों में देसी आम की प्रजाति लगभग लुप्त होने के कगार पर है। निचले क्षेत्र के आम की अपनी एक अलग पहचान है। यह आम जहां रस से भरा होता है, वहीं आसानी से हजम भी हो जाता है। बागवानों का अब धीरे-धीरे देसी आम से मोह भंग हो रहा है, क्योंकि एक तो देसी आम के पेड़ जगह अधिक घेरते हैं, वहीं उनमें फल भी काफी...
More »बिहार: खेतों में पंजाबी मेहनतकश!
करगहर [रोहतास, सुरेंद्र तिवारी]। अभी तक सूबे के लोग ही पंजाब जाकर खेतों में मेहनत करते थे लेकिन समय के साथ बदली फिजा का असर है कि आज पंजाबी मेहनतकश बिहार के खेतों में पसीना बहाते नजर आ रहे हैं। इन लोगों से सीख लेकर यहां के लोग भी सूबे की उपजाऊ मिट्टी में सुखद भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। किसानी की बदौलत कुछ हद तक मजदूरों के पलायन की रफ्तार में...
More »ग्राम सुराज अभियान में चार लाख किसानों को बोनस
रायपुर। छत्तीसगढ़ में ग्राम सुराज अभियान के दौरान राज्य के लगभग चार लाख किसानों को 103 करोड़ रुपए के बोनस दिए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि खेती-किसानी पर विशेष रूप से केन्द्रित इस वर्ष के राज्य-व्यापी ग्राम सुराज अभियान में छत्तीसगढ़ के तीन लाख 69 हजार किसानों को धान के राज्य बोनस के रूप में 102 करोड़ 65 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। यह राशि अभियान...
More »किसान खुद खाली कर रहे जैव खजाना
हल्द्वानी [जासं]। किसानों को पता ही नहीं चल रहा और वे अपने ही हाथों जैव खजाने को खाली करने में जुटे हैं। गेहूं काटने के बाद खेत में रह गए डंठल को खत्म करने के लिए अगर आप आग लगाते हैं तो सावधान। यह आग आपकी त्वरित समस्या का तो समाधान कर रही है, लेकिन सोना उगलने वाले खेत को बंजर भी बना रही है। इसके अलावा पर्यावरण को प्रदूषित भी कर रही है। इसको...
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