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नेतृत्व जो जनजातियों को नहीं मिला- रामचंद्र गुहा

भारतीय संविधान ने दो सामाजिक समूहों को विशेष रूप से वंचित माना है। पहला, अनुसूचित जाति, जिसे बोलचाल की भाषा में दलित कहा जाता है, जबकि दूसरा समूह है अनुसूचित जनजाति, जिसे अमूमन आदिवासी माना जाता है। दोनों समूह अपनी रचना में असाधारण रूप से एक-दूसरे के विपरीत हैं। भाषा, जाति, गोत्र, धर्म और आजीविका जैसे तमाम मामलों में पूरी तरह से जुदा। आंध्र प्रदेश की मडिगा जाति और उत्तर...

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सरकार की पकड़ से कोर्ट को छुड़ाने और जनता का भरोसा जीतने तक, बहुत दारोमदार है जस्टिस गोगोई के अंतिम 4 फैसलों पर

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत होने से पहले चार महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाने की उम्मीद है, जो भारत और इसके शासन के तौर-तरीके के लिए दूरगामी प्रभाव वाले होंगे. ये इन फैसलों, खास कर जो रिटायर हो रहे गोगोई लिखेंगे, के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आभामंडल को कुछ हद तक पुनर्स्थापित करने का भी अवसर है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत ने...

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किस तेजी से बदला मौसम का मिजाज, क्या हुआ अर्थव्यवस्था पर असर, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में..

बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर हाल-फिलहाल सुर्खियां लगती रही हैं और आगे की पंक्तियों में आप पढ़ने जा रहे हैं कि बीते दो दशकों में तुलनात्मक रुप से मौसम का मिजाज किस भयावहता से बदला है. इस साल अप्रैल माह में जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के मिजाज में आये तेज बदलाव के कारण जो सूखा-बाढ़ या आंधी-तूफान और बारिश सरीखी अप्रत्याशित घटनाएं पेश आयी हैं उनका...

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NCRB की रिपोर्ट में फिर किसानों की आत्महत्या के आंकड़े नहीं, उठ रहे सवाल

"कृषि संकट, किसान की आत्महत्या से नापा जाता है। आत्महत्या नहीं तो ये मैसेज जाएगा कि खेती में समस्या नहीं। यही सरकार की रणनीति है। सरकार जानबूझ कर किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों को जारी नहीं कर रही है, लेकिन आंखें बंद कर लेने से संकट खत्म नहीं हो जाता।" राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में किसान आत्महत्या का जिक्र न होने पर कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा कहते...

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कश्मीर में शर्तों पर मिल रही रिहाई, अनुच्छेद 370 पर बोलने पर भेज दिया जाएगा जेल

नई दिल्ली: बड़े नेताओं के साथ कश्मीर में राजनीतिक रूप से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने के लिए एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं जो देश में संविधान के तहत मिले अधिकारों का खुलेआम दुरुपयोग है. रिहा किए जाने वाले लोगों से जिन बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं उसके तहत रिहाई की यह शर्त है कि वे अनुच्छेद 370 सहित कश्मीर के हालिया हालात...

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