बदलाव : बिहार मानवाधिकार आयोग के अनुसार कम आ रहे हैं अब ऐसे मामले पटना : शराबबंदी के बाद बिहार की तस्वीर बदली है, यह कहने में कोई हर्ज नहीं. महिलाओं से जुड़े अपराधों में कमी आयी है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े पहले ही इस बात की पुष्टि कर चुके हैं. नयी सूचना यह है कि बिहार मानवाधिकार आयोग के आंकड़े भी इस पर मुहर लगा रहे...
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महिला सरपंचों की कठिन राह-- ऋतु सारस्वत
हाल में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने पचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों और प्रशिक्षकों के लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा ‘प्रशिक्षण के बाद निर्वाचित महिला सरपंच गांव का प्रशासन पेशेवर तरीके से चलाने में सक्षम होंगी। यह खेदजनक है कि अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कई महिला प्रतिनिधि सामने नहीं आतीं और अपने पतियों को आगे कर देती हैं। इससे वे नाममात्र की...
More »सरकार के लिए फिर अच्छी खबर, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.4 फीसदी
दस दिनों के अंदर मोदी सरकार के लिए दूसरी अच्छी खबर है। आर्थिक मोर्चे पर देश की तरक्की के लिए यह खबर अहम है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 14.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सीबीडीटी के नए आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.4 प्रतिशत बढ़कर 4.8 लाख...
More »MP बुजुर्गों के साथ होने वाले अपराधों में देश में दूसरे नंबर पर
भोपाल। वरिष्ठ नागरिकों के साथ घटित होने वाले अपराधों के मामलों में मप्र देश में दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। जबकि महाराष्ट्र सबसे असुरक्षित राज्यों में शामिल होकर पहले नंबर है। मप्र में अपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट बुजुर्ग रहे। जिनकी न केवल हत्या की गई, बल्कि उन्हें आसानी से लूटपाट व धोखाधड़ी का शिकार भी बनाया। प्रदेश में ऐसी करीब सवा दो सौ घटनाएं दर्ज की गईं।...
More »बीमार स्वास्थ्य तंत्र का निदान-- राजू पांडेय
विश्व स्वास्थ्य सूचकांक में भारत का स्थान 188 देशों में 143वां है। भारत स्वास्थ्य पर अपने जीडीपी का सिर्फ 1.4 प्रतिशत व्यय करता है। जबकि अमेरिका जीडीपी का 8.3 प्रतिशत, चीन 3.1 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका 4.2 प्रतिशत व्यय करता है। स्वास्थ्यमंत्री फरवरी 2015 में राज्यसभा में यह स्वीकारकर चुके हैं कि देश में चौबीस लाख नर्सों और चौदह लाख डॉक्टरों की कमी है। हम प्रतिवर्ष केवल साढ़े पांच हजार...
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