SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2118

वाटरशेड प्रोग्राम ने बदली गांवों की तस्वीर

उन्होंने जिला सोलन के कंडाघाट ब्लाक की चार पंचायतों महोग,साजा,नगाली, और कनौड़ी के तीस गांवों में वाटरशेड डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हुए कार्य पर शोध किया। वर्मा ने अपने शोध में कहा है कि ये गांव सिंचाई के लिए अब बारिश के पानी पर निर्भर नहीं है। सिंचाई का इंतजाम होने से खेती की पैदावार में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है और किसानों की आर्थिकी में इजाफा हुआ है। यही...

More »

खेती को कमजोर करने की साजिश- अनिल जोशी

खेती को लेकर अब छोटे और मध्यम किसानों में भी एक बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे किसानों में अपने खेत बेचकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 98.2 प्रतिशत किसानों की आनेवाली पीढ़ियों में किसानी के प्रति कोई रुचि नहीं है। निश्चय ही यह चिंता का विषय होना चाहिए। किसानों के बच्चों की...

More »

अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील

जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...

More »

एएमआरआई अस्पताल अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 93 हुई

कोलकाता, 12 दिसंबर (जनसत्ता)। महानगर के ढाकुरिया स्थित एएमआरआई अस्पताल में पिछले शुक्रवार को हुए भयावह अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 93 हो गई है। रविवार को इसी अस्पताल के साल्टलेक स्थित परिसर में बाबूलाल भट््टाचार्य व बेल व्यू क्लीनिक में नीला दासगुप्त की मौत हो गई। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि भट्टाचार्य को हृदय की बीमारी के इलाज के लिए एएमआरआई अस्पताल के ढाकुरिया परिसर में भर्ती किया...

More »

मिड डे मील से जायका गायब-मोहम्मद हारून

दीदी कैसे खाएं इस खाने को। बाखली में चना नहीं, दलिया में मीठा कम, पुलाव में सब्जी नहीं, खिचड़ी में दाल नहीं। कुछ इस तरह का वार्तालाप आए दिन होता है हथीन के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बंटने वाले मिड डे मील खाने बैठे विद्यार्थियों में। सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। स्कूलों में दिनों के हिसाब से मेन्यू तय किए गए हैं। तय मेन्यू...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close