अरबपतियों की बाढ़ और किसी भी तरीके से पूंजी बढ़ाने की प्रवृत्ति ने भारत को क्रोनी कैपिटलिस्ट देशों की सूची में 9वें स्थान पर ला खड़ा किया है। ‘द इकॉनॉमिस्ट' के ताजा अंक में जारी क्रोनी कैपिटलिस्ट सूचकांक के अनुसार, क्रोनी पूंजी वैश्विक जीडीपी और कुल अरबपतियों की पूंजी के अनुसार तेजी से बढ़ी है। अध्ययन में कहा गया है, ‘उत्साहजनक रूप से भारत संभवत: अपनी गतिविधि को साफ कर रहा...
More »SEARCH RESULT
राजस्थान में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तेज
जयपुर। गुजरात के बाद राजस्थान में भी गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। विधानसभा गरीब सवर्णों को 14 फीसद आरक्षण देने का विधेयक पहले ही पारित कर चुकी है, लेकिन आरक्षण का लाभ देने की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही थी। अब सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग को चार माह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। उम्मीद की जा रही है कि...
More »आ रही है टेक्नोलॉजी की आंधी!- संदीप मानुधने
हम सब विभिन्न टेक्नोलॉजी यंत्रों के साथ काफी अभ्यस्त हो चुके हैं. हमें अच्छा लगता है जब न्यूनतम प्रयास में अधिकतम आउटपुट हम निकाल पाते हैं. 1980-90 के दशकों में कार्यरत रहे प्रोफेशनल्स से पूछिए कि कितना पसीना केवल फोन लगाने एवं फैक्स प्राप्त करने में लग जाता था! काम को दरकिनार कर केवल संपर्क साधने में एवं दूसरों से दस्तावेज टाइप करवाने में (और प्रतिलिपियां बनवाने में) ही कितनी...
More »इंद्र भरोसे खेती, पर कब तक--- बिभाष
हरित क्रांति के मसीहा डॉ नॉर्मन बोरलॉग ने साठ के दशक में बौनी प्रजाति के अधिक उपज वाले गेहूं की ईजाद की. सभी देशों की तरह भारत में भी उस गेहूं की खेती शुरू की गयी. बौनी प्रजाति के गेहूं ने उस वक्त की राजनीति गढ़ने का भी काम किया, जिस पर बहस और शोध होना चाहिए. देखते-देखते गेहूं की उपज दूनी हो गयी. सन् 1959-60 में जो गेहूं...
More »झारखंड: नरेगा मजदूरों की गुहार, हमें बचाइए सरकार!
मनरेगा के दस साल पूरे होने पर उसकी कामयाबियों को केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय गर्व का विषय बताया था लेकिन भाजपा के राज वाले झारखंड में उल्टा होता दिख रहा है. मामला झारखंड के लातेहर जिले के मणिका प्रखंड में सक्रिय मनरेगा मजदूरों के संगठन ग्राम स्वराज मजदूर संघ(जीएसएमएस) के सदस्यों के उत्पीड़न का है. इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज को हासिल एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया...
More »