SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2448

कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश

देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....

More »

एक करोड़ लोगों के घर उजाड़ गया तूफान

गोपालपुर/श्रीकाकुलम/नई दिल्ली। भीषण चक्रवाती तूफान पेलिन ने ओड़िशा और उत्तरी तटीय आंध्र में तबाही तो मचाई लेकिन पर्याप्त एहतियात बरतने के कारण जनहानि नहीं हुई। तूफान से करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, 2.34 लाख घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2400 करोड़ रुपए की धान की फसल बर्बाद हो गई। पेलिन को पिछले 14 साल में आया सबसे भीषण तूफान माना जा रहा है लेकिन 1999 में आए तूफान...

More »

तबाही छोड़ गया फेलिन, 90 लाख लोग प्रभावित

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। देश में पिछले 14 वर्ष में आए अब तक के सबसे बड़े चक्रवाती तूफान फेलिन से ज्यादा लोग हताहत तो नहीं हुए, लेकिन यह अपने पीछे बड़ी तबाही के निशान छोड़ गया है। फेलिन से हुआ नुकसान बता रहा है कि अगर सही समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया जाता, तो यह 1999 में ओडिशा में तबाही मचाने वाले चक्रवात से कहीं ज्यादा...

More »

देश में तेजी से बढ़ेगी धनकुबेरों की आबादी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दस लाख डॉलर यानी करीब 6.2 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति रखने वाले अमीरों की संख्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। चीन, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, जापान जैसे कुछ गिने-चुने देशों को छोड़ दें तो दुनिया के अन्य किसी भी मुल्क में धनकुबेरों की संख्या इतनी रफ्तार से नहीं बढ़ रही है जितनी भारत में। प्रमुख ग्लोबल बैंक क्रेडिट सुइस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक...

More »

दलित मुक्ति के मायने- मोहनदास नैमिशराय

जनसत्ता 14 अक्तबूर, 2013 : मुक्ति के दरवाजे खोलने वाले विशेष महापुरुषों और धर्मात्माओं की सूची बनाई जाए तो एक दर्जन ऐसी हस्तियां तो रही होंगी, जिनके आह्वान पर लाखों लोगों ने चलना स्वीकार किया। उन शख्सियतों के द्वारा किए गए आह्वान, उनके प्रेरक विचारों, उनके संघर्षों के दस्तावेजों के पन्नों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जाती है। यूरोप के इतिहास को देखें तो मार्टिन लूथर किंग ने गोरों की क्रूर परंपराओं...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close