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नहीं थम रहा सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला

शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...

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मनरेगा में सामाजिक अंकेक्षण: कर्नाटक रहा 2017-18 में सबसे अव्वल

मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) में कर्नाटक देश के सभी सूबों और संघशासित प्रदेशों में अव्वल है. सूबे में साल 2017-18 में 97 फीसद जिलों तथा 98 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कामों से जुड़ा सामाजिक अंकेक्षण हुआ है.   मनरेगा से जुड़ी जानकारियों की सरकारी वेबसाइट www.nrega.nic.in के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम) के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2017-18 में मनरेगा में कुल 687 जिलों में तकरीबन...

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ओडिशा में बन रहे बांध से घट जाएगा छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल

रायपुर। ओड़िशा में ईब नदी पर बन रहे बांध से छत्तीसगढ़ में 110 हेक्टेयर खेत डूब जाएंगे। इससे प्रदेश का क्षेत्रफल स्थाई रूप से कम हो जाएगा। आंध्रप्रदेश में बन रहे पोलावरम बांध से भी छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा डुबान में आ जाएगा। सोमवार को कोलकाता में आयोजित पूर्वी राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों के सम्मेलन में अंतरराज्यीय सिंचाई परियोजनाओं पर छत्तीसगढ़ की चिंता को जोर शोर से उठाया। उन्होंने आंध्रप्रदेश...

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संघवाद पर लगी ताजा चोट--डॉ टीएम थॉमस इसाक

राजव्यवस्था का एक सामान्य सिद्धांत है कि वित्तीय संसाधनों का सबसे सही आवंटन सरकार का वह स्तर करता है, जो लाभुकों से सर्वाधिक निकटस्थ होता है, जबकि संसाधनों के बेहतरीन संग्रहण की अपेक्षा सरकार के उस स्तर से की जाती है, जो करदाताओं से सर्वाधिक सुदूर स्थित है. इसलिए सभी सहयोगात्मक संघीय व्यवस्थाओं में कराधान की शक्ति सामान्यतः केंद्र सरकार के पास केंद्रित रहती है, जबकि व्यय का भार...

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जहरीला होता जमीन का पानी-- पंकज चतुर्वेदी

जमीन में पानी का अकूत भंडार है। यह पानी का सर्वसुलभ और स्वच्छ स्रोत है। लेकिन यदि एक बार दूषित हो जाए तो इसका परिष्करण लगभग असंभव होता है। भारत में जनसंख्या बढ़ने के साथ घरेलू इस्तेमाल, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। जमीन से पानी निकालने की प्रक्रिया ने भूजल को खतरनाक स्तर तक जहरीला बना दिया है। इसके लिए समाज...

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