नई दिल्ली [शेखर]। चढ़ते पारे ने पानी का संकट बढ़ा दिया है और पानी के संकट ने पानी के कारोबार को काफी मजबूत कर दिया है। जब सरकारी स्तर पर यह बात आने लगी कि पीने का साफ पानी नहीं मिल सकता है तो पानी के कारोबारियों के मन के हिसाब से माहौल बन गया। इसका नतीजा यह हुआ कि पानी से संबंधित कारोबारों में उफान आने लगा। इनमें सबसे ज्यादा कारोबार बढ़ा बोतलबंद पानी का।...
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एक मरीज पर केवल 1.20 रुपए
रायपुर. आंबेडकर अस्पताल को भले ही राज्य का सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी हेल्थ सेंटर का तमगा दिया जाने लगा है, लेकिन मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर पुराना सिस्टम ही चल रहा है। गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज की उम्मीद लेकर आने वालों को यह जानकार हैरानी होगी कि यहां एक मरीज पर सरकार रोजाना केवल 1 रुपए 20 पैसे खर्च कर रही है। राज्य शासन ने अस्पताल का बजट 7 करोड़ तय...
More »पढऩे की इच्छा, काम की मजबूरी
हाथ में कापी, पुस्तक, पेन, कलम की जगह बच्चों को बोझ उठाना पड़ रहा है। गरीब घर के बच्चे बचपन से ही घर खर्च में माता-पिता की मदद करने पढ़ाई छोड़कर कार्य करने मजबूर हैं। शासन ने बालश्रम कानून बनाया है जिसमें १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चे मजदूरी नहीं कर सकते, लेकिन परिवार की आर्थिक पेरशानी को देखकर पेट पालने के उद्देश्य से आज छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी कर रहे हैं। गरीब...
More »स्थानीय निकायों को 1300 करोड़ का अनुदान
प्रदेश के स्थानीय निकायों की खराब आर्थिक स्थिति और इस कारण बंद हो चुके विकास कार्यो को गति देने के लिए 13वें वित्त आयोग ने अपने खजाने का मुंह खोल दिया है। इसी के मद्देनजर ने निकायों को अगले पांच वर्षो के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपए का अनुदान देना मंजूर किया है, जो पिछले आयोग से लगभग पांच गुना अधिक है। प्रदेश की 184 स्थानीय निकायों में से लगभग 170 नगरपालिकाएं इस समय...
More »विदेशी कबाड़ कंप्यूटर तो नहीं ले आए आप!
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आपको शायद जानकारी न हो। अभी कुछ समय पहले ही आपने सस्ते दाम पर जिस कंप्यूटर या लैपटाप को खरीदा है, वह विकसित देशों का पुराना कबाड़ भी हो सकता है। जी हां! विकसित देश अपने पुराने और कबाड़ हो चुके इलेक्ट्रानिक आइटम खासकर, कंप्यूटर और लैपटाप, भारत जैसे देशों में खपा रहे हैं। चैरिटी के नाम पर आयात किए जाने वाले इस कचरे का हालांकि जल्दी ही देश में प्रवेश बंद...
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