-गांव कनेक्शन, कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगाये गये देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से देश में प्रतिदिन 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। 51 दिनों में (14 मई तक) अब तक 516 लोगों की जान चुकी है। इसमें पैदल जा रहे मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है। पिछले तीन दिन में (14 से 16 मई के बीच) देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में...
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कोरोना के दौर में किसने की ताबड़तोड़ कमाई, किसे हुआ नुक़सान?
-बीबीसी, कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरी दुनिया में उद्योग-धंधे चौपट हो चुके हैं. टेक्नॉलजी कंपनियों की भी स्थिति कोई बेहतर नहीं है लेकिन कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं जो लॉकडाउन के दौरान भी मुनाफ़ा कमाने में कामयाब रही हैं. जैसे कि: सॉफ्टवेयर कंपनियां लॉकडाउन शुरू होते ही जब आपको यह कहा गया कि अब घर से काम करना होगा तो आपने तुरंत उसके लिए अपनी तकनीकी तैयारियां शुरू कर दी होंगी....
More »आदिवासी ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ सरकार इस बार सीधे खरीदेगी 225 करोड़ रुपए के लघु वनोपज, एजेंटों की मोनोपॉली होगी खत्म
-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आदिवासियों से इस वित्तीय वर्ष में सीधे 225 करोड़ रुपये की योजना लघु वनोपज यानि माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस (एमएफपी) राज्य के आदिवासियों से खरीदेगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आदिवासियों से मामूली वन उपज (एमएफपी) खरीदने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 225 करोड़ रुपये की योजना को बनाई है. आदिवासी कल्याण निकाय के प्रमुख ने दिप्रिंट को बताया है. छत्तीसगढ़ स्टेट माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस कोऑपरेटिव...
More »कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा
-डाउन टू अर्थ, एक महीना पहले तक धनीराम साहू को नहीं पता था कि वायरस या सोशल डिस्टेंसिंग किस बला का नाम है। साहू छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के शंकरदह में रहते हैं। वह कहते हैं, “अब हर कोई कोरोनावायरस और इससे खुद को महफूज रखने की बात करता दिख रहा है।” दुनियाभर के तमाम विज्ञानियों और एपिडेमियोलॉजिस्ट की तरह साहू को भी इस वायरस के बारे में बहुत जानकारी नहीं...
More »लॉकडाउन: बंगाल के बंद जूट मिलों के मज़दूरों ने कहा, हालत ख़राब है, राशन-पानी ख़त्म हो रहा है
-द वायर, ‘लॉकडाउन के कारण जूट मिल (चटकल) बंद होने से बहुत-बहुत मुश्किल में हैं… क्या बताएं आपको… अगले 10-15 दिन में हम लोग भुखमरी के कगार पर जाने वाले हैं.’ 45 साल के कृष्णा दास जब फोन पर ये बातें कहते हैं, तो वह बार-बार ‘बहुत’ शब्द पर जोर देकर लॉकडाउन के दौरान सामने आईं कठिनाइयों की भयावहता को महसूस कराना चाहते हैं. कृष्णा दास पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना...
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