बजट 2020-21 पेश करते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले की घोषणा की थी। 16 सूत्रीय फॉर्मूले में वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज का भी जिक्र था। वित्त मंत्री ने कहा कि नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) नये वेयर हाउस बनायेगा और इसकी संख्या बढ़ाने के लिए पीपीपी मॉडल को अपनाया जायेगा। ब्लॉक स्तर पर भंडार गृह बनाये जाने का...
More »SEARCH RESULT
कितना खतरनाक हो सकता फलों और सब्जियों पर रसायनों का इस्तेमाल
गांव कनेक्शन पिछले वर्ष नेपाल ने भारत की सब्जियों और फलों पर रोक लगा दी थी, साल 2014 में यूरोपियन देशों ने अल्फांसो आम के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इसके पहले भी कई देशों ने भारत की सब्जियों और फलों के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इनके पीछे एक ही कारण है कीटनाशक और रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने सब्जियों में कीटनाशकों के...
More »बजट 2020: "फसल बर्बाद हो तो किसान को मिले शत प्रतिशत मुआवजा, बजट में हो इंतजाम"
-गांव कनेक्शन किसान जब फसल खड़ी करता है तो बुवाई से कटाई तक असिंचित क्षेत्रों में 15000-20 हजार और सिंचित क्षेत्रों में 40 हजार रुपए तक प्रति एकड़ लगा चुका होता है। वो पैसा मिट्टी में गया होता है। फसल क्या आएगी कुछ पता नहीं होता है। बारिश, ओले गिरे तो सब बर्बाद, इसलिए फसल बर्बाद होने पर किसान को शत प्रतिशत मुआवजा मिलना चाहिए।" कृषि अर्थशास्त्री विजय जावंधिया कहते हैं। पुणे...
More »बजट 2020: बजट से क्या चाहती हैं ग्रामीण महिलाएं ?
- गांव कनेक्शन लखनऊ। "हमें न तो आवास मिला न विधवा पेंशन। महंगाई भी छप्पर फाड़कर बढ़ गयी। अब तो आलू-प्याज खाना भी मुश्किल है। बजट से गरीबों को क्या लेना-देना?" यह बात जंगल से लकड़ी लेने गयी फूलमती रावत (55 वर्ष) ने नाउम्मीदी से कही। "बजट निकलने से पहले हमारी भी समस्या पूछी जाएगी, ये आज पहली बार आपसे पता चला। हमने तो नाम भी इसका पहली बार सुना है।...
More »उम्मीदें बजट 2020: कम बजट और उससे भी कम खर्च बिगाड़ रही देश में शिक्षा की स्थिति
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के सुदूर दक्षिण में स्थित प्राथमिक विद्यालय राउतपार अपने ब्लॉक का एक मात्र अंग्रेजी माध्यम का विद्यालय है। राज्य सरकार की कायाकल्प योजना के तहत इस विद्यालय को बाहर से बहुत सजाया-संवारा गया है, लेकिन इस स्कूल के छात्र कड़कड़ाती ठंड में टाइल्स पर बिछे टाट पर बैठने को मजबूर हैं क्योंकि विद्यालय में बेंच और डेस्क नहीं हैं। विद्यालय के एक अध्यापक ने...
More »