क्या जल सत्याग्रह की सफलता पिछले 26 साल से चल रहे नर्मदा बचाओ आंदोलन में नई जान फूंक पाएगी? शिरीष खरे की रिपोर्ट. पिछले दिनों जल सत्याग्रह के चलते मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का घोघलगांव सुर्खियों में आया और उसी के साथ नर्मदा बचाओ आंदोलन भी. नर्मदा घाटी में जल सत्याग्रह का तरीका नया नहीं है. 1991 में मणिबेली (महाराष्ट्र) का सत्याग्रह जल समाधि की घोषणा के साथ ही चर्चा में...
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विस्थापन के जरिये विकास नहीं चाहिए- रोमा
आखिरकार प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण कानून को संसद के इस मानसून सत्र में भी टालना ही पड़ा। विवादों में घिरे होने की वजह से सरकार द्वारा इसे मंत्री समूह को सौंप दिया गया है। चूंकि अभी केंद्र सरकार अपने दामन पर लगी कालिख पोंछने में लगी है, इसलिए यह खबर सुर्खियों में नहीं है। इसी विवादास्पद कानून के खिलाफ पिछले महीने ‘संघर्ष’ के बैनर तले हजारों लोगों ने जंतर-मंतर पर धरना...
More »किसान बोले-पुलिस ही दोषी, पुलिसवालों ने कहा-हमें पीटा
रेवाड़ी.‘हम अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते और इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना धरना दे रहे थे। पुलिस ने बर्बरता के साथ हम सभी पर लाठीचार्ज किया। हमारी अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है।’ ‘पहले हमने लाठीचार्ज नहीं किया बल्कि किसानों की ओर से मारपीट शुरू की गई। स्थिति को काबू में करने के लिए ही कार्रवाई की गई।’ यह बयान थे दोनों पक्ष थे...
More »भूमि अधिग्रहण पर सुलगा रेवाड़ी, हाईवे के दोनों तरफ बहा खून
रेवाड़ी/बावल. भूमि अधिग्रहण को लेकर एनएच-आठ पर आसलवास गांव में किसानों और पुलिस के बीच एक बार फिर जमकर खूनी संघर्ष हुआ। रविवार को किसानों की आक्रामकता को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछार की, लाठीचार्ज और फायरिंग भी की। एक बार तो पुलिस ने किसानों पर काबू पा लिया, लेकिन जब ग्रामीणों ने पत्थरबाजी शुरू की और घरों से लाठियां लेकर आगे बढ़े तो पुलिसकर्मियों...
More »भूमिहीनों को मिले भूमि का अधिकार
देश के आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे हैं। जिन किसानों के पास जमीनें हैं, उनसे विकास के नाम पर जमीनों को छीना जा रहा है। वहीं जिन लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है, उनको घर बसाने के लिए जमीन नहीं दी जा रही है। एकता परिषद व सहयोगी संगठनों द्वारा समग्र भूमि सुधार तथा वंचितों को हक दिलाने के लिए जनसत्याग्रह 2012 आंदोलन चलाया जा रहा है।...
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