दुनिया की जलवायु में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, धरती का तापमान बढ़ रहा है. संकट बढ़ रहा है. इसके लिए दुनिया के विकसित देश अब भारत और अन्य विकासशील देशों को घेरने में लगे हैं. पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर हुए सम्मेलन में भारत यही बताता रहा कि विकसित देश अपना दोष विकासशील देशों पर मत मढ़ें. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को यही समझाने में लगे रहे कि...
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भोपाल गैस त्रासदी : 7700 करोड़ मुआवजे पर पांच साल में एक भी सुनवाई नहीं
भोपाल (नप्र)। गैस कांड को तीन दशक बीत चुके हैं, लेकिन पीड़ितों को उचित मुआवजा और आरोपियों को सजा का आज भी इंतजार है। 7 हजार 700 करोड़ रुपए के मुआवजे की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पांच साल से लंबित है। गैस कांड की जिम्मेदार कम्पनी यूका के भारतीय अधिकारियों को सजा दिलाने का मामला भी राजधानी के सेशन कोर्ट में पांच साल से चल रहा है। राज्य सरकार ने फास्ट...
More »रोशन दिवाली उदास दिया- आर के सिन्हा
एक बार नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपाल बता रहे थे कि वे भारत में पहली बार 1961 में दिवाली की रात मुंबई पहुंचे। हवाई अड्डे से होटल के रास्ते में उन्हें यह देख कर निराशा हुई कि यहां ज्यादातर घरों के बाहर मोमबत्तियां सजी थीं। उनके देश त्रिनिदाद एवं टुबैगो में दिवाली पर अब भी मिट्टी के दीए जलाने की रिवाज है। नायपाल ठीक ही कह रहे थे। मोमबत्ती जला...
More »कैसे करें सूखे का सामना-- बाबा मायाराम
पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
More »पर्यावरण के नजरिए से आहार- रमेश कुमार दुबे
अगर गोमांस (बीफ) के बढ़ते इस्तेमाल को पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो इतना विवाद न हो। गहराई से देखा जाए तो आज जलवायु परितर्वन, वैश्विक तापवृद्धि, भुखमरी, नई-नई बीमारियां प्रत्यक्ष रूप से मांसाहार के बढ़ते चलन से जुड़ी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनइपी) के मुताबिक एक मांस-बर्गर तैयार करने में तीन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जित होता है। ऐसे में धरती की रक्षा के लिए मांस की बढ़ती...
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