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35 हजार करोड़ का घोटालाः राज्यपाल गंभीर, सीएम बेबस

मुबंई. सिंचाई विभाग में 35 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले के बारे में राज्यपाल के. शंकरनारायणन के निर्देशों को राज्य सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पांच महीने पहले जांच के लिए पत्र लिखा था पर अब तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई पहल नहीं की गई। जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रहे विजय पांढरे ने करीब छह...

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लेवी के लिए आरटीआइ का सहारा

मुजफ्फरपुर : माओवादी विकास कार्यो में लेवी वसूलने के लिए नया फंडा अपना रहे हैं. सूचना के अधिकार के तहत योजनाओं का इस्टीमेट पता करते हैं. इसी के आधार पर ठेकेदारों से लेवी की वसूली करते हैं. अगर कोई ठेकेदार इस्टीमेट की गलत जानकारी देता है, तो माओवादी उसे इस्टीमेट के साथ लेवी के लिए पत्र भेजते हैं. साथ ही आगे से इस तरह से नहीं करने की धमकी देते हैं. साथ...

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सिंगरौली में संघर्ष जारी है- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 25 मई, 2012: यह रास्ता जंगल की तरफ जाता जरूर है, लेकिन जंगल का मतलब वहां सिर्फ जानवरों का निवास नहीं होता। जानवर तो आपके आधुनिक शहर में हैं, जहां ताकत का अहसास होता है। जो ताकतवर है उसके सामने समूची व्यवस्था नतमस्तक है। लेकिन जंगल में तो ऐसा नहीं है। यहां जीने का अहसास है। सामूहिक संघर्ष है। एक दूसरे के मुश्किल हालात को समझने का संयम है। फिर न्याय से लेकर...

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नक्सलियों को रंगदारी देने के मामले में सरकारी गवाह बनेगा बी. के. लाला

दंतेवाड़ा. एस्सार की ओर से नक्सलियों को 15 लाख रूपए की रंगदारी पहुंचाने के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब जमानत पर छूटे बीके लाला ने वायदा माफ गवाह बनने की अर्जी अदालत में पेश की। आरोपी ठेकेदार की ओर से एडवोकेट राहुल त्यागी ने एडीजे अनिता डहरिया की अदालत में यह आवेदन लगाया। अर्जी पर सुनवाई की तारीख 17 जुलाई तय की गई है। लाला की गिरफ्तारी बीते...

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मुखिया को ठेकेदार मत बनाइए- टी आर रघुनंदन

इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...

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