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अधिकारियों की प्रताड़ना के बहाने-- नवीन जोशी

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने 28 जनवरी को फेसबुक पर यह टिप्पणी लिखी- ‘अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मुहल्लों में जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई, वे पाकिस्तानी हैं क्या? चीन तो बड़ा दुश्मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्यों नहीं?' गणतंत्र दिवस के दो दिन पहले कासगंज में हिंदू जागरण मंच की तिरंगा यात्रा के एक...

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आदिवासी समाज का वह योद्धा-- रामचंद्र गुहा

जीवनी लिखने की विधा अपने यहां बहुत विकसित नहीं हो पाई है। हम जीवित लोगों की चापलूसी करना तो जानते हैं, पर गुजर चुके लोगों के बारे में अधिकार के साथ लिखने की अंतरदृष्टि विकसित नहीं कर पाए। अतीत से लेकर आज तक के नेताओं पर किताबें मिल जाएंगी, लेकिन उनमें से कुछ ही होंगी, जो साहित्य या पढ़ने लायक किताब होने की शर्त पूरी करें। गोखले पर बी आर...

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दावोस के बहाने विषमता का सच-- कुमार प्रशांत

ऐसा कभी-कभार ही होता है कि सच खुद सामने अाकर झूठ का पर्दाफाश कर देता है! ऐसा ही हुअा था, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक अोबामा अपने पद से विदा हो रहे थे. उन्होंने जाते-जाते कहा कि दुनिया की कुल संपत्ति का 50 प्रतिशत केवल 60 लोगों की मुट्ठी में है. अौर प्रकारांतर से यह भी कबूल कर लिया कि यह सच इतना टेढ़ा है कि इसे सीधा करना दुनिया...

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उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं की सूची: चीन के बाद पाकिस्‍तान-बांग्लादेश से भी पिछड़ा भारत

समावेशी वृद्धि सूचकांक में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में 62वें स्थान पर है। इस मामले में भारत चीन (26वां) और पाकिस्तान (47वां) से भी पीछे है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने अपनी सालाना शिखर बैठक शुरू होने से पहले सोमवार (22 जनवरी) को यह सूची जारी की। नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक शिखर बैठक...

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बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी

भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...

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