नई दिल्ली। मॉनसून कमजोर पड़ने की खबरों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमर कस ली है। इससे निपटने के लिए बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री ने आकस्मिक योजना के क्रियान्वयन में केंद्र और राज्यों के बीच नजदीकी समन्वय पर जोर दिया है। उन्होंने राज्यों से जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने व ऐसे मामलों की जल्द...
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बेदखली का शिकार ‘वंचित भारत’- चंदन श्रीवास्तव
सत्य अनुभव की चीज है, तथ्य आकलन की. तथ्य यह है कि भारत के भीतर एक वंचित भारत रहता है और सत्य यह कि इस वंचित भारत का निर्माण उसे जीवन जीने के लिए जरूरी बुनियादी सेवाओं-सुविधाओं से बेदखल करके हुआ है. बुनियादी सेवा-सुविधाओं से बेदखली के विराट आयोजन का ही नतीजा है कि इस मामले में देश के कुछ समुदाय शेष की तुलना में कोसों पीछे हैं. मिसाल के...
More »मौसम की अटकलों से बढ़ती दुविधा - प्रमोद भार्गव
बरसात से पूर्व मौसम विभाग द्वारा मानसून की भविष्यवाणियों में फेरबदल चिंता का सबब बन रहा है। मई की शुरुआत में सामान्य से पांच फीसद कम बारिश की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन 9 जून को औसत से सात प्रतिशत कम वर्षा का अंदेशा जताया गया। यानी आज भी हमारा मौसम विभाग सटीक भविष्यवाणी करने की स्थिति में नहीं है। इस पर चिंतित होना इसलिए लाजिमी है, क्योंकि पिछले कुछ...
More »तोडऩे होंगे जी एम फसलों पर पूर्वाग्रह - डा. एन सीताराम
कृषि जगत : दुनिया भर में 1996 से 2013 के बीच बायोटेक फसलों की खेती में हुई है सौ गुना बढ़ोतरी वर्ष 2013 की शुरूआत में जी एम फसलों के महत्व को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक तौर पर अपने विचार देश के सामने रखे थे। कुछ उसी तरह वर्ष 2014 की शुरूआत भी एग्रीबायोटेक उद्योग के लिए खुशनुमा है। हमारे तमाम वैज्ञानिक प्रधानमंत्री के स्पष्ट वक्तव्य से उत्साहित हैं। अनुवांशिक...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
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