अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
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सरकारी शाहखर्ची और बदहाल किसान-- संजीव पांडेय
र्ष 2014 और 2015 भारतीय किसानों के लिए बुरे थे। दो सालों तक लगातार खराब मानसून के चलते देश के ग्यारह राज्यों के ढाई सौ से ज्यादा जिलों में सूखे की स्थिति रही। इस स्थिति में भी बिहार के औरंगाबाद जिले के चिल्हकी गांव के किसान खुशहाल थे। वे आज भी खुशहाल हैं। औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड पर स्थित पिछड़ी जाति बहुल इस गांव की खुशहाली का कारण गांव के ही कुछ...
More »सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप : 'मनरेगा को मारने की कोशिश कर रही सरकार'
क्या सरकार बजट में मनरेगा को लेकर किए गए अपने वादे से पीछे हट रही है ? ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के जमीनी क्रियान्वयन पर नजर रखने वाले नागरिक-संगठनों के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि 'हां, सरकार मनरेगा के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है!' नई दिल्ली स्थित विमेन्स प्रेस कॉर्प में बीते 19 अप्रैल को हुई एक बैठक में मनरेगा के जमीनी क्रियान्वयन से जुड़े जाने-माने कार्यकर्ताओं ने सरकारी स्तर...
More »भरे पेट की दुनिया में भूखे बच्चे --- डा. सैय्यद मोबिन जेहरा
भूख इंसान को कितना मजबूर करती है, यह तो वही जानते हैं जो एक वक्त की रोटी के लिए मारे-मारे फिरते हैं. पेट की यह आग इंसान से क्या कुछ नहीं करवाती है. हम सब दिन रात मेहनत करते हैं और जिंदगी की गाड़ी को खींचते हुए आगे बढ़ते हैं. हमारे समाज में कुछ लोग अपनी मरजी के अनुसार जो कुछ खाना चाहते हैं, वे न सिर्फ खाते हैं, बल्कि...
More »बढ़ती तपिश के सुलगते सवाल-- मोनिका शर्मा
साल-दर-साल बढ़ती तपिश चिंता का विषय बन रही है। इस साल मार्च के महीने में ही गुजरात और महराष्ट्र में अलर्ट जारी करना पड़ा है। एक ओर जहां गुजरात के अहमदाबाद में भीषण गर्मी के कारण ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पारा रेकॉर्ड तोड़ रहा है। मौसम विज्ञानी चढ़ते पारे को बड़ी चिंता का विषय मान रहे हैं। मौसम की...
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