SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 545

विकास के पैमाने और हकीकत-- राहुल लाल

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेंटिंग एजेंसी ‘मूडीज' ने एक तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था के पक्ष में अपनी राय दी। इसे कसौटी माना जाए तो अब शायद रेटिंग एजेंसियों को नोटबंदी और जीएसटी पसंद आ रहे हैं। इन दोनों कदमों और बैंकों में फंसे कर्ज का बोझ कम करने की सरकारी कवायद के कारण मूडीज ने भारत की रेटिंग बढ़ाई। उसने भारत की रेटिंग में तेरह वर्षों के बाद सुधार...

More »

प्रति व्यक्ति औसत GDP के मामले में भारत का 126 वां स्‍थान, IMF ने जारी किया डेटा

नई दिल्ली। प्रति व्यक्ति औसत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिहाज से भारत एक पायदान ऊपर चढ़ कर 126वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि वह अपने ब्रिक्स समकक्षों के मुकाबले अब भी पीछे है। वहीं इस पैमाने पर तेल संपन्न देश कतर ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। यह डाटा आईएमएफ की ओर से जारी किया गया है। क्या है यह रिपोर्ट: यह डेटा, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की नवीनतम...

More »

सात महीने के उच्चतम स्तर पर रिटेल महंगाई दर, सब्जियों की कीमत में वृद्धि

नयी दिल्ली : खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों के भाव में तेजी से खुदरा मुद्रास्फीति अक्तूबर में बढकर 3.58 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो सात महीने का उच्च स्तर है. इस साल मार्च में 3.89 प्रतिशत के बाद खुदरा महंगाई दर का यह उच्चतम स्तर है. उपभोक्ता कीमत सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर सितंबर में 3.28 प्रतिशत थी. पिछले साल अक्तूबर में यह 4.2 प्रतिशत थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के...

More »

शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश

राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...

More »

आर्थिक सुधारों की कठिन राह पर-- एन के सिंह

आर्थिक फैसले पूरी स्फूर्ति से लिए जा रहे हैं। भले ही अभी हम नोटबंदी और जीएसटी की बहस में उलझे हुए हों, मगर हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कई आर्थिक उपायों की घोषणा की है। ये कई लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे सेप्रेरित हैं।   एक कहावत है कि बुराई को मजबूती तब मिलती है, जब हम कोई फैसला नहीं कर पाते या दूसरों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close