-द वायर, कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्पन्न हुई समस्या से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च के आखिरी हफ्ते में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजेकेएवाई) लॉन्च किया था. इसके तहत लोगों को आर्थिक सहायता और हर पात्र व्यक्ति को तीन महीने (अप्रैल-जून) के लिए पांच किलो अतिरिक्त अनाज दिया जाना था. हालांकि आलम ये है कि अप्रैल महीने में करीब 20 करोड़ लोगों को अतिरिक्त राशन...
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क्या दिहाड़ी मज़दूरों को बायोमिट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से धोखा दिया गया है?
-न्यूजक्लिक, पिछले कुछ हफ़्तों में, दैनिक वेतन भोगियों की स्थिति विशेष रूप से निराशाजनक रही है। रोड स्कॉलर्ज़ ने छह राज्यों (छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश) के ग्रामीण इलाकों में 100 से अधिक लोगों से टेलीफोन के माध्यम से दो चरणों (26-31 मार्च और 4-7 अप्रैल) का सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में पता चला कि ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ हैं कि कोविड-19 के...
More »हाल-फिलहाल में जारी हुई अधिकांश रिपोर्टें बता रही हैं कि अर्थव्यवस्था का पहिया थमने वाला है!
अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक, आधिकारिक एजेंसियों और निजी संस्थाओं द्वारा जारी की गईं अधिकांश रिपोर्टें और अध्ययन कोरोनवायरस महामारी से अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़ने वाले प्रलयकारी प्रभावों की तरफ इशारा करते हैं. उनका अनुमान है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों द्वारा COVID -19 (यानी सोशल डिस्टेंसिंग और क्वॉरंटीन) को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित आर्थिक विकास को प्रभावित करेंगे और अधिकांश क्षेत्रों में...
More »ट्विटर पर छाया किसानों की संपूर्ण कर्जा मुक्ति का अभियान, लॉकडाउन में राहत की मांग
-आउटलुक, देश कोरोना वायरस जैसी गंभीर महामारी से लड़ रहा है तथा इस लड़ाई में देश का किसान अग्रिम मोर्चे पर खड़ा है क्योंकि उन्हीं की बदौलत देश में खाद्यान्न का भरपूर भंडार है जिस कारण केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें आम आदमी को खाद्यान्न मुफ्त या फिर सस्ती दर पर आवंटन कर पा रही हैं। अत: देशभर कि किसानों ने ट्विटर के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने...
More »कोविड-19: महज एक तिहाई प्रवासी मजदूरों को ही मिल रहा राहत घोषणाओं का फायदा
-डाउन टू अर्थ, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) के आकलन के मुताबिक, कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर जो राहत उपाय किए गए हैं, उसका लाभ देश के प्रवासी कामगारों के महज एक तिहाई हिस्से तक ही पहुंच पाया है। आईएचडी के आकलन के अनुसार अल्पकाल के लिए काम की तलाश में बार-बार आने-जाने वाले करीब 5 करोड़ प्रवासी सरकार की लाभुकों की शिनाख्त प्रक्रिया से बाहर हैं। इंस्टीट्यूट ने ये अनुमानित आंकड़े 2...
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