प्रत्येक व्यक्ति को अपना मकान सुखद अनुभूति देने वाला होता है। धनी वर्ग के सामने अपना मकान बनाना किसी समस्या की भांति नहीं होता क्योंकि उसके पास धन की कमी नहीं होती। मध्य वर्ग अपनी जीवन भर की कमाई से आशियाना बनाने का प्रयास करता है, लेकिन निम्न वर्ग के लिए यह सपना ही रहता है। आज तक इस सपने में सिर्फ राजनीति ही होती रही है। इसके लिए किसी...
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इस साल 7.5 फीसदी के आसपास रहेगी अर्थव्यवस्था में संवृद्धि : जेटली
नयी दिल्ली : दूसरे तिमाही की जीडीपी से उत्साहित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पिछले साल की 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर से बेहतर रहेगी. वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक जीडीपी वृद्धि 2015-16 में 7.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी. जेटली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दूसरी तिमाही के आंकडे हमें संतोष की भावना देते हैं. हम...
More »बिना टिकट ट्रेन में नहीं की यात्रा, 9 माह में पैदल चल तमिलनाडु से पहुंचे रांची
रांची। घर जाने की जिद्द, अपनों का प्यार और गांव की मिट्टी की जब उन्हें याद आई तो पहुंच गए रेलवे स्टेशन। पर पास पैसे नहीं होने से बिना टिकट ट्रेन में यात्रा नहीं की। बल्कि पैदल ही निकल पड़े अपने घर की ओर। वो भी तमिलनाडु से रांची के लिए। नौ महीने में 2000 किलोमीटर की दूरी लगातार पैदल चलकर नापी और एक दिन पहुंच गए अपने घर। हम...
More »शौचालय नहीं था इसलिए छोड़ दिया पिया का घर!
अरविन्द शर्मा, इटारसी(मध्यप्रदेश)। अपनी ससुराल में शौचालय न होने से तंग आकर एक विवाहिता पिछले दो साल से पिया का घर छोड़कर अपने पीहर (मायके) में रहने को मजबूर है। पति के साथ सात फेरे लेकर हर विवाहिता यह वचन लेकर जाती है कि अर्थी उठने तक वह अपने पिया के घर ही रहेगी, लेकिन शाहपुर तहसील के ग्राम पतौआपुरा में ब्याही एक नवविवाहिता को पक्का शौचालय न होने से...
More »देश के पर्यावरण को बचाने के लिए अकेले दम पर लगाए 1 करोड़ पेड़
दुर्ग। दारीपल्ली रमैया वो शख्स हैं जिनके बिना खम्मम में कोई भी कार्यक्रम पूरा नहीं होता। इस महान शख्स ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी। हर एक समारोह में रमैया को भले ही पुरस्कारित किया जाता हो, लेकिन समारोह के अंत में वह भीड़ द्वारा फेंके गए प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को उठाने का काम करते हैं। इसके चलते कई बार लोग उन्हें कूड़ा बिनने...
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