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असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह

सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...

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शिक्षा दो, अच्छे शिक्षक भी दो-- प्रमोद जोशी

दुनिया में शिक्षक दिवस पांच अक्तूबर को मनाया जाता है. लेकिन, भारत में यह उसके एक महीने पहले पांच सितंबर को मनाया जाता है. हमने पहले फैसला किया कि साल में एक दिन अध्यापक के नाम होना चाहिए. सन् 1962 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने. उस साल उनके कुछ छात्र और मित्र पांच सितंबर को उनके जन्मदिन का समारोह मनाने के बाबत गये थे. इस पर डॉ राधाकृष्णन ने...

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सरकारी स्कूलों में शिक्षा की खराब गुणवत्ता के लिए सिर्फ शिक्षकों को दोष देना उचित नहीं

देश के शिक्षा-संबंधी सभी अध्ययन और सर्वेक्षण इंगित करते हैं कि छात्रों का स्तर अपेक्षा से नीचे है. इस स्थिति के लिए आम तौर पर शिक्षकों को दोषी ठहरा दिया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि हमारे विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था बेहद लचर है. देश में एक लाख से अधिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक है. अधिकतर विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात...

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बिहार में बाढ़ से 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान, अब तक 61 लोगों की मौत

पटना : बिहार में बाढ़ से करीब 15 हजार करोड़ की क्षति का प्रारंभिक अनुमान है. आपदा प्रबंधन विभाग नुकसान के आकलन में जुटा है. आकलन पूरा होने के बाद केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके बाद केंद्रीय टीम क्षति का जायजा लेने बिहार आयेगी. केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पर बिहार को बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्रीय सहायता मिल पायेगी. आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो चंद्रशेखर...

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अर्थव्यवस्था और भ्रष्टाचार का घुन-- अरविन्द कुमार सिंह

दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में पिछड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनों से लैस तमाम एजेंसियां हैं और नागरिक समाज आंदोलित है। वैसे तो भ्रष्टाचार ने पूरी दुनिया को गिरफ्त में ले रखा है, लेकिन अगर भारत की बात करें तो जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला न...

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