जब मैं यह लिख रहा हूं तो करीब 40 साल का काम आंखों में तैर रहा है। यह मेरे आसपास के 136 गांवों में फैला हुआ है। देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल और चमौली जिले के इन गांवों में हमने करीब 50 लाख पौधे रोपे। अब ये पहाड़ों पर आसमान चूमते हरे-भरे दरख्तों की शक्ल में सामने हैं, जिन्हें देखने देश-दुनिया के हजारों लोग आते हैं। मशहूर चिपको आंदोलन की...
More »SEARCH RESULT
पत्नी शिक्षाकर्मी है तो भूल जाइए, सरकार नहीं कराएगी मिलन
रायपुर। शिक्षाकर्मियों की स्थानांतरण नीति से प्रदेश में दस हजार से ज्यादा जोड़े परेशान हैं। केंद्रीय सरकार के उपक्रमों, निजी कंपनियों में नौकरी करने वाले या खुद का व्यवसाय अथवा खेती करने वालों ने अगर शिक्षाकर्मी से विवाह किया है तो सरकार उनका मिलन नहीं कराएगी। राज्य सरकार ने हाल ही में शिक्षाकर्मी पति-पत्नी के स्थानांतरण के लिए जो नीति जारी की है उसके तहत सिर्फ राज्य सरकार के विभागों...
More »पीछे छूट गया रोजगार का सवाल- हरिवंश चतुर्वेदी
आर्थिक उदारीकरण के दौर में जिन राज्यों के आर्थिक विकास की दर तेज रही और जिन्हें समय-समय पर एक मॉडल की तरह पेश किया गया, वहां अब सामाजिक- आर्थिक स्थिति विस्फोटक हो रही है। पिछले एक वर्ष में हरियाणा के जाटों, गुजरात के पटेलों, महाराष्ट्र की मराठा जातियों और आंध्र प्रदेश में कापू जाति के लोगों ने खुद को अन्य पिछड़ी जातियों में शामिल किए जाने की मांग को लेकर...
More »जवानी कहीं दीवानी न हो जाये!- अनिल रघुराज
इधर जवानी का जलवा-जलाल कुछ ज्यादा ही चढ़ गया है. मानव संसाधन में युवाओं की भूमिका का बखान बराबर हो रहा है. हम दुनिया के सबसे जवान देश हैं. हमारी 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम की है. मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी कुछ दिन पहले बमक पड़ीं कि 50 साल के राहुल गांधी युवा कैसे हो सकते हैं. खैर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर बड़े संजीदा हैं....
More »सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर रहम करे सरकार: सांसद
नई दिल्ली। देश के ज्यादातर राज्यों में प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षकों के साथ होने वाली ज्यादती का मामला बुधवार को संसद में उठाया गया। शिक्षकों को शिक्षण कार्य से अलग ड्यूटी लगाने को लेकर नाराजगी जताई गई। यह मुद्दा उत्तर प्रदेश के चंदौली के सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने लोकसभा में उठाया। शून्यकाल के दौरान उठाए गए इस मसले में बताया गया कि जनगणना, मतदाता सूची के निर्धारण, पुनरीक्षण, सहकारिता, पंचायत...
More »