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अंगदान और सामाजिक पूर्वग्रह- सुभाष गताडे

जनसत्ता 20 अक्टुबर, 2012: दिल्ली के एक अग्रणी अस्पताल में पिछले दिनों एक अलग किस्म के सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। महज सत्रह साल की उम्र में दुर्घटना की शिकार हुई पायल (बदला हुआ नाम)- जिसे डॉक्टरों ने ब्रेन-डेड घोषित किया था उसके माता-पिता इस समारोह के केंद्र में थे, जिनके बेहद कठिन निर्णय से तीन लोगों की जिंदगी बची और दो लोगों की दृष्टि वापस लौटी। निश्चय ही उनके लिए...

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नया कंपनी राज- पुष्परंजन

जनसत्ता 31 मई, 2012: इसे ‘केला गणतंत्र’ कहें तो कई लोगों को आपत्ति हो सकती है। लेकिन दिशाहीन राजनीति और डोलती अर्थव्यवस्था के लिए ‘बनाना रिपब्लिक’ जैसे शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिकी लेखक ओ हेनरी ने 1904 में अपनी पुस्तक ‘कैबेज एंड किंग्स’ में किया था। ओ हेनरी 1896-97 में बैंक घोटाले के एक मामले में अमेरिका से गायब हो गए थे, और होंडुरास में शरण ली थी। उस दौरान मध्य अमेरिकी...

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51 प्रतिशत एफडीआई को हरी झंडी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मल्टी ब्रैंड रीटेल में एफडीआई को मंजूरी दे दी है.सरकार ने यह कहा है कि यह राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा कि वे इसको लागू करने के लिए मॉडलिटीज पर कैसे काम करती हैं. सरकार ने बहुब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है. विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी की अनुमति दी है वहीं प्रसारण सेवा उद्योग...

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फूटा महंगाई बम,डीजल 5 रूपये महंगा

हर वस्तुओं के दाम पर असर डीजल में मूल्यवृद्धि के परिणामस्वरूप रांची में ग्राहकों को जहां अभी 43.18 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ते थे, वहीं अब 48.18 रुपये चुकाने होंगे. वहीं बाजार दर पर रसोई गैस की कीमतें लगभग 750 रुपये हो जायेगी. पेट्रोलियम कंपनियां प्रति माह रसोई गैस की कीमतों का निर्धारण करेगी.  इस मूल्यवृद्धि से कृषि लागत सहित  सभी प्रकार के वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो जायेगा. साथ ही...

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मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण

मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...

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