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अरविंद पानागढ़िया हो सकते हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष

नई दिल्ली। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पानागढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष हो सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में आयोग के बाकी पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप दे सकते हैं। योजना आयोग के खात्मे के बाद सामने आया यह नया आयोग हफ्ते भर के भीतर अपना कामकाज शुरू कर देगा। पानागढ़िया भी योजना आयोग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्हें मोदी का समर्थक...

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किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे- बाबा मायाराम

इन दिनों किसान अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद नहीं हो रही है, किसानों को बोनस नहीं मिल रहा है, तो दूसरी तरफ गेहूं की फसल के लिए खाद-बीज उपलब्ध नहीं हो रहा। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसान मंडी और सोसाइटियों के चक्कर काट रहे हैं। जगह-जगह धरना, प्रदर्शन और चक्का-जाम के रूप में उनका असंतोष सामने आ रहा...

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औरतों की माहवारीः कब तक जारी रहेगी शर्म?- रुपा झा

"मैं अपनी बेटी को माहवारी के दौरान उन तकलीफों से नही गुज़रने दूंगी जिससे मैं गुज़रती रही हूं." 32 साल की मंजू बलूनी की आवाज़ में एलान करने जैसी दृढ़ता थी और आंखों में चमक. वे कहती हैं, "मुझसे मेरा परिवार तब अछूत की तरह व्यवहार करता है. मैं रसोई में नहीं जा सकती, मंदिर में जाना मना है, पूजा नहीं कर सकती, यहां तक कि दूसरों के साथ बैठ भी नहीं...

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छुआछूत मुक्त भारत क्यों नहीं- सुरेन्द्र कुमार

जिन साथी भारतीयों ने ईसाई या इस्लाम कुबूल कर लिया, उनकी दुर्दशा पर कुछ लोगों को विलाप करते देखना चमत्कार ही है। इसलिए वे अब उन 'अभागों' को वापस हिंदू धर्म में शामिल कर उनके दुर्भाग्य को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं! वास्तव में, वे भारत में हिंदुओं की संख्या बढ़ाने को लेकर चिंतित हैं। उनके लिए उन लोगों की स्थितियां कोई मायने नहीं रखती, जिनका धर्मांतरण या...

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कंपनी बड़ी या देश-- अरविन्द कुमार सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रुगमैन ने दो दशक पहले शोध पत्रिका हॉवर्ड बिजनेस रिव्यू में ‘देश एक कंपनी नहीं है' शीर्षक से शोध-पत्र लिखा था। यह शोध-पत्र उस दौर में प्रकाशित हुआ था, जब भुगतान संतुलन की बीमारी से दो-चार हो रही भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन की अगुआई में नवउदारवादी नीतियां थोपी जा रही थीं। हर तरफ आर्थिक सुधारों की मार्फत अर्थव्यवस्था को...

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