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कड़िया की हवेली बाकी सबके झोपड़े

भले ही कड़िया मुंडा देश की सबसे बड़ी पंचायत (लोकसभा) के उपाध्यक्ष हो, लेकिन उनका गांव चांडीडीह काफी पिछड़ा है. खूंटी लोकसभा क्षेत्र की जनता ने पहली बार 1977 में कड़िया मुंडा को सांसद के रूप में चुना था और इसके बाद वे सात बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 2009 में सांसद चुने जाने के बाद इन्हें लोकसभा का उपाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद मिला. भाजपा के इस वरिष्ठ...

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सिंगूर: कोर्ट में हारीं ममता, तृणमूल सरकार की फजीहत

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में सालों से शासन करने वाली वाम सरकार की नींव उखाड़ने वाले सिंगूर मसले पर आज मौजूदा मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की हाईकोर्ट में फजीहत हो गयी। हाईकोर्ट ने उनकी सरकार के इस मामले में पारित अधिनियम को संविधान के खिलाफ करार दिया है। सिंगूर मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'सिंगूर फैसले...

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कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण

  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्‍बन्‍धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...

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करावलनगर की वॉकर फ़ैक्ट्रियों में मज़दूरों के हालात

उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में करावलनगर के औद्योगिक इलाके और उससे लगे क्षेत्र में वॉकर (छोटे बच्चों को चलने में मदद करने वाली साइकिल) और पालना बनाने वाली 14-15 छोटी-छोटी फ़ैक्ट्रियाँ हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियों में 10-15 मज़दूर और कुछ में 30-40 मज़दूर काम करते हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियाँ दलित बस्ती में हैं, कुछ करावलनगर गाँव, पंचाल विहार और दयालपुर में स्थित हैं। इनमें काम करने वाले ज़्यादातर मज़दूर झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आये प्रवासी...

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‘जनश्री’ से सरकार खींच रही हाथ, चलाई ‘आम आदमी योजना’

नागपुर। तीन साल तक दोनों हाथ से धन बरसाने के बाद सरकार अब गरीबों के लिए बनी ‘जनश्री बीमा योजना’ से धीरे-धीरे हाथ खींच रही है।   सरकार कितना धन बांट चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से चलता है कि नागपुर मंडल में इसके लगभग 5 लाख बीमा धारक हैं। गत वर्ष 1 लाख 70 हजार 4 सौ बच्चों को छात्रवृत्ति बांटी गई है।   एनजीओ के माध्यम से योजना   उल्लेखनीय है कि सरकार ने गरीबों...

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