हाल ही में साइंस पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताया था कि देश में विज्ञान के विकास के लिए दो तकनीकों पर ध्यान देना जरूरी है- पहला कृषि में जीई (जेनेटिक इंजीनियरिंग) बीज और फसल का उपयोग तथा दूसरा परमाणु ऊर्जा। दुर्भाग्य से, हमारी अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए ये दोनों ही तकनीकें खतरनाक हैं। तब प्रधानमंत्री ने गैरसरकारी संगठनों पर भी उंगली उठाते हुए कहा...
More »SEARCH RESULT
प्रदेश में 4.91 लाख परिवारों के पास नहीं है अपना घर
भोपाल। प्रदेश में 14.91 लाख परिवार ऐसे हैं जिसके पास अपना घर नहीं है। वे किराए के मकान में रह रहे है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश में बड़े पैमाने पर कालोनियां विकसित हुई। सरकारी एजेंसियां हाउसिंग बोर्ड व विकास प्राधिकरण भी लोगों को आशियाना उपलब्ध कराने मैदान में हैं। बावजूद इसके पिछले दस सालों में नए मकानों का आंकड़ा पचास लाख से अभी बहुत दूर है। संयुक्त परिवारों...
More »मारंगपुरी के हर घर में बायोगैस से बन रहा भोजन
जगदलपुर. ईधन की लगातार कमी से जूझने वाले लाक मुख्यालय बड़ेराजपुर से करीब 15 किमी दूर मारंगपुरी के ग्रामीणों ने बायोगैस को वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में अपना लिया है। गांव के तकरीबन हर घर में बायोगैस के प्लांट बिना किसी रूकावट के पिछले एक दशक से लगातार चल रहे हैं। अब ग्रामीण इसकी तकनीक से भी वाकिफ हो चुके हैं। नहीं मिलती जलाऊ लकड़ी ओडिशा सीमा से लगे मारंगपुरी...
More »क्यों बढ़ रहा है जल-संकट? -- बाबा मायाराम
पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...
More »अवैध उत्खनन किया तो दो साल की जेल : राजेश शर्मा
भोपाल। प्रदेश में अवैध खनन के आरोप झेल रही राज्य सरकार ने खान व खनिज नियमों में कड़े प्रावधान लागू किए हैं। अवैध उत्खनन पर अब 50 हजार रुपए का जुर्माना और दो साल तक की सजा होगी। सरकार ने अवैध उत्खनन पर पेनाल्टी (बाजार मूल्य का) 10 गुना और रायल्टी 20 गुना कर दी है। यही नहीं, सरकारी निर्माण कार्य, बहुमंजिला इमारत बनने के लिए शासकीय ठेकेदारों व बिल्डरों को...
More »