आजादी के अड़सठ साल बाद भी देश में कम से कम साढ़े चार लाख परिवार बेघर हैं। बेघर परिवारों में से प्रत्येक का औसत तकरीबन चार( 3.9 व्यक्ति) व्यक्तियों का है। जनगणना के नये आंकड़ों(2011) से पता चलता है बीते एक दशक(2001-2011) के बीच बेघर लोगों की संख्या 8 प्रतिशत घटी है तो भी देश में अभी कुल 17.7 लाख लोग बिल्कुल बेठिकाना हैं। हालांकि देश की कुल आबादी में बेघर...
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एक मुट्ठी चावल से बनी एक करोड़ की पूंजी- मो. इमरान खान
मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
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मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
More »प्रदर्शनी की वस्तु नहीं हैं जारवा आदिवासी
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2002 में लगाई गई पाबंदी के बावजूद क्या अंडमान की जारवा जनजाति के लिए संरक्षित इलाकों में जारवा पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है? अगर अंडमान ग्रैंड ट्रंक रोड पर वाहनों की बढ़ती कतारें देखें, तो कुछ ऐसा ही समझ में आता है। उल्लेखनीय है कि अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही जारवा आदिम जनजाति के इलाकों में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए...
More »जल सहिया की सक्रियता से स्वच्छ बना बेड़ो का गडरी गांव
आज गडरी का हर ग्रामीण शौचालय निर्माण के बहाने स्वच्छता को अपने जीवन में उतारने की शत-प्रतिशत आदत विकसित कर रहा है. रांची जिले की बेड़ो प्रखंड कार्यालय से सटी है नेहालू कपाड़िया पंचायत. रांची जिला मुख्यालय से 50 किमी की दूरी पर यह जगह स्थित है. बेड़ो प्रखंड कार्यालय से 10 किमी आगे बढ़ने पर लापुंग जाने को एक सड़क बायीं ओर मुड़ती है. मोड़ पर ही एक बोर्ड...
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