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स्वच्छ यमुना के लिए ‘अन्नागीरी’ पर 74 किसान

इलाहाबाद/नई दिल्ली। यमुना की अविरल निर्मल धारा के लिए जंतर-मंतर पर साधु-संतों व किसानों का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। यमुना में हथनीकुंड बैराज से पानी छोडऩे व यमुना में नालों को डालने से रोकने की मांग पर रविवार को अनशन पर बैठे साधुओं व किसानों की संख्या ७४ हो गई। शनिवार दोपहर ११ बजे के बाद से प्रदर्शनकारियों व सरकार के बीच किसी तरह का संवाद नहीं है। उम्मीद...

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अन्ना का आंदोलन- बहस की नई जमीन

भ्रष्टाचार के विरोध में कारगर, ताकतवर और जन-भागीदारी आधारित लोकपाल बिल तैयार करने के लिए  अन्ना हजारे की अगुवाई में चले आमरण अनशन की सफल समाप्ति के बाद बहस की एक नई जमीन तैयार हो रही है। बहस के केंद्र में खुद अन्ना हजारे और आंदोलन का उनका अहिंसक तरीका है तो जन लोकपाल बिल का वह मसौदा भी। नागरिक संगठनों का एक तबका अन्ना हजारे के हालिया बयानों से असहज है और उनकी धर्मनिरपेक्षता...

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बाबा रामदेव भी चले अन्ना की राह, बड़े नोटों के खिलाफ छेड़ेंगे अभियान

मैसूर/दिल्ली/मुंबई. योग गुरु बाबा रामदेव ने भी अन्ना हजारे की तरह अब अभियान छेड़ने का मन बना लिया है। रामदेव के निशाने पर होंगे देश में इस्तेमाल हो रहे बड़ी राशियों के नोट। बड़े नोट बंद करवाने के लिए 1 जून से देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। उनका कहना है कि कालेधन के रूप में बड़े नोटों का ही प्रयोग किया जाता है। मैसूर में एक योग शिविर में बाबा रामदेव ने कहा...

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हजारे के आंदोलन के लिए लोगों ने दिल खोलकर दिया दान

नई दिल्ली. जनलोकपाल बिल के लिए जंतर-मंतर पर पांच दिन तक चले अन्ना हजारे के आंदोलन में लोगों ने अपने तन-मन से ही नहीं, बल्कि धन देकर भी समर्थन जताया था। अभियान का नेतृत्व कर रही संस्था इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) को नकद, चेक व फंड ट्रांसफर के जरिए करीब ८३ लाख रुपए प्राप्त हुए हैं और दानप्राप्ति का सिलसिला जारी है। संस्‍था के सदस्‍य आज अपनी-अपनी संपत्तियों की घोषणा करेंगे। लोकपाल...

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लोकतंत्र में शॉर्टकट नहीं होता : हर्ष मंदर

वह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण था, जब देशभर के मध्यवर्गीय युवा भ्रष्ट प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करने के लिए एकजुट हुए। हमारा देश कई विरोध प्रदर्शनों का साक्षी रहा है। कुछ हिंसक तो कुछ शांतिपूर्ण। कुछ वेतन व भूमि के लिए तो कुछ आत्मसम्मान व मानवाधिकारों के लिए। लेकिन यह आंदोलन कुछ अलग था। दशकों बाद हमने शिक्षित और संपन्न युवाओं को इतने बड़े पैमाने पर...

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