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‘सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है, क्या वे देश की नागरिक नहीं हैं’

-द वायर, देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. सरकारी नीतियों से खफा इन आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी कुछ मांगों के साथ बीते नौ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसके...

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कोविड से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों के बीच निजी क्षेत्र पर शिफ्ट हुआ ‘मोदीकेयर’ बिजनेस

-द प्रिंट, दो महीने की अनलॉकिंग के बाद ज़्यादातर राज्यों में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जे) का इस्तेमाल, लॉकडाउन से पहले के स्तर पर आ गया है. लेकिन इसमें एक पेंच है. सरकारी सुविधाओं के कोविड केयर में फंसे होने के कारण, ज़्यादातर राज्यों में पीएम-जे क्लेम्स में निजी अस्पतालों की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है. पीएम-जे सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा स्कीम है. ये आयुष्मान भारत का हिस्सा है जिसमें...

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कोरोना: बीते 24 घंटों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल सहित विभिन्न नेता संक्रमित पाए गए

-द वायर, बीते चौबीस घंटों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित समेत कई नेता कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इनमें कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह शामिल हैं. इससे पहले उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री कमल रानी का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया...

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पिछले 20 सालों में सांप डसने से हुई 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत

हाल ही में, ‘ट्रेंडस् इन स्नेकबाइट मोर्टिलिटी इन इंडिया फ्रॉम 2000 टू 2019’ नामक एक शोध लेख प्रकाशित हुआ है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर, भारत में सांप के डसने मृत्यु दर के रुझानों से अवगत कराता है. शोध लेख के मुताबिक, जहरीले सांपों के डसने के कारण पिछले दो दशकों में 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हुई है. ओपन एक्सेस जर्नल elifesciences.org में प्रकाशित इस शोध-आधारित अध्ययन में...

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आंकड़े बताते हैं, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए आयुष्मान भारत योजना ‘वरदान’ साबित नहींं हुई

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना (पीएम-जय), प्रधानमंत्री मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत आनेवाली की तीसरी फ्लैगशिप योजना है. जिसे यह बताया जा रहा है कि यह कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इस योजना का प्रबंधन करने वाली एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना का प्रवासी मजदूर समूह को सरकार के...

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