भारतीय संविधान ने दो सामाजिक समूहों को विशेष रूप से वंचित माना है। पहला, अनुसूचित जाति, जिसे बोलचाल की भाषा में दलित कहा जाता है, जबकि दूसरा समूह है अनुसूचित जनजाति, जिसे अमूमन आदिवासी माना जाता है। दोनों समूह अपनी रचना में असाधारण रूप से एक-दूसरे के विपरीत हैं। भाषा, जाति, गोत्र, धर्म और आजीविका जैसे तमाम मामलों में पूरी तरह से जुदा। आंध्र प्रदेश की मडिगा जाति और उत्तर...
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सरकार ने कहा बाघों की संख्या बढ़ी, रिपोर्ट का दावा हर सात में से एक बाघ काग़ज़ी
दुनिया भर तेजी से घट रही बाघों संख्या को लेकर इनके संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है. इस साल इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के बाघों की गणना की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि 2014 की तुलना में 2018 में बाघों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने बताया कि 2018 में बाघों की संख्या बढ़कर...
More »क्यों 25 साल बाद भी हमें नहीं पता कि बच्चों को चमकी बुखार से कैसे बचाया जाए?-- सचिन जैन
भारत में बच्चे एक संख्या भर बन कर रह गए हैं. वर्तमान विकास की चर्चाओं में हम बस शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, कुपोषण का प्रतिशत, बच्चों के साथ लैंगिक शोषण के आंकड़े और मृत बच्चों की संख्या की गणना करते रहते हैं. पिछले महीने भर से बिहार के मुजफ्फरपुर के बहाने भी यही हुआ है. इस क्षेत्र में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार के कारण तकरीबन 150...
More »गरीबी का वायरस और चमकी बुखार- विनोद बंधु
बिहार के तिरहुत प्रमंडल में पांच साल बाद एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का प्रेत फिर से जाग उठा है। बीते एक पखवाडे़ में इससे सवा सौ से अधिक बच्चों की सांसें थम चुकी हैं। करीब चार सौ बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए। मरीजों का आना अब भी जारी है। हर रोज बच्चों की जान जा रही है। इस इलाके के बच्चों और उनके अभिभावकों की आस...
More »सेहत के मानकों पर देश के सबसे पिछड़े 50 जिलों में एक है मुजफ्फरपुर !
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अगर कोई बच्चा साफ-सफाई की कमी से होने वाली ‘डायरिया' जैसी आम बीमारी से पीड़ित हो तो इस बात की कितनी संभावना है उसे प्राथमिक उपचार के तौर पर जीवन-रक्षक घोल(ओआरएस) मिल जाये? बच्चों के तंत्रिका-तंत्र पर आघात करने वाली एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिन्ड्रोम (एईएस) सरीखी गंभीर बीमारी से बचाव और उपचार की व्यवस्था को पल भर भूल जायें और मुजफ्फरपुर जिले में मौजूद बुनियादी स्वास्थ्य-ढांचे की हालत का...
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