वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। इससे पहले जुलाई 2019 में बजट पेश किया गया था। उस वक्त बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था, ''महात्मा गांधी ने कहा था भारत की आत्मा इसके गांवों में बसती है। हमारी सरकार का केंद्र बिंदू भी गांव, गरीब और किसान है।'' सरकार के केंद्र बिंदू में गांव का होना इस लिए भी जरूरी...
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देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली
"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...
More »किसान दिवस: किसानों के बच्चे नहीं करना चाहते थे खेती, 48 फीसदी खोज रहे दूसरे विकल्प
अरविंद शुक्ला /स्वाती सुभेदार, गांव कनेक्शन लखनऊ। भारत के लगभग आधे किसान नहीं चाहते कि उनकी आने वाली पीढ़ियां खेती करें। किसानों की बड़ी संख्या रोजगार के नाम पर खेती के अलावा दूसरे विकल्प खोज रहे हैं। देश में 48 फीसदी किसान परिवार नहीं चाहते कि उनकी आने वाली पीढ़ी खेती करे। ये बात गांव कनेक्शन के सर्वे में निकल कर आई है। गांव कनेक्शन सर्वे के इन आंकड़ों पर...
More »देश के करीब 37 प्रतिशत स्कूलों में अभी भी बिजली कनेक्शन नहीं: रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश के सभी गांव तक बिजली जरूर पहुंचा दी गई हो लेकिन भारत के करीब 37 प्रतिशत स्कूलों में आज भी बिजली उपलब्ध नहीं है. एकीकृत जिला शिक्षा प्रणाली सूचना (यूडीआईएसई) की साल 2017-19 की रिपोर्ट के अनुसार, ‘देश के केवल 63.14 स्कूलों में बिजली मौजूद थी, जबकि बाकी स्कूलों में बिजली नहीं थी.' इस विषय पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि ‘दीन दयाल...
More »45 परिवारों की जिंदगी झोपड़ी में, 55 वर्षों में न अनाज मिला
रामगढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर कुजू-घाटो मुख्य सड़क से उतरने पर बमुश्किल 200 मीटर दूर कुंदरिया बस्ती का मल्हार टोला़ इस टोले तक जाने के लिए पथरीली संकरी सड़क, जंगल के बीच एक ऊंचे टीले पर प्लास्टिक से बनी दर्जनों झोपड़िया़ं जंगल की सूखी झाड़ियों की घेराबंदी कर बांस-बल्ली में प्लास्टिक लगा कर लाेगाें ने 40 से 50 झोपड़ी बना लिये़ ये कोई खानाबदोश नहीं, बल्कि अपने झारखंड...
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