रूरल वॉयस, 03 जनवरी भारत को जी-20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब विश्व मानव इतिहास के सबसे अनिश्चित पलों से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली देशों की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ सरकार की प्राथमिकताएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि भारत का एजेंडा भोजन, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति का अराजनीतिकरण करके जी-20 देशों के बीच सहयोग और समन्वय को...
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महामारी में मजहब के आधार पर हुआ भेदभाव- वैश्विक रिपोर्ट
बात कोविड काल की है। अफगानिस्तान में बहुसंख्यक तबके ने करीब 25 सिखों को मौत के घाट उतार दिया। और इस कारण से सिखों में डर पसरा। जिसका नतीजा था लगभग 200 सिक्खों का हिंदुस्तान की ओर पलायन। यह पलायन उनकी ख्वाहिश से नहीं मजबूरी से उपजा था। प्रश्न यह है कि सिखों के साथ यह अत्याचार क्यों हो रहा था? अफगानिस्तान के बहुसंख्यक तबके का कहना था कि सिख कोविड...
More »जलवायु में आते बदलावों से बढ़ सकता है हैजे का प्रकोप, डब्लूएचओ ने किया आगाह
डाउन टू अर्थ, 20 दिसंबर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि जलवायु में आते बदलावों के चलते दुनिया भर में हैजे का प्रकोप बढ़ सकता है। एजेंसी का कहना है कि इस साल पिछले वर्षों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रकोप सामने आए हैं, जो पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा घातक थे। इस बारे में प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि इस साल करीब 30 देशों में हैजे के...
More »गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत
मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है जो महिलाओं में खून की बहुत ज़्यादा कमी और उनके अति सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) के संपर्क में...
More »सीबीडी कॉप-15: सबसे कम संरक्षित मूंगे की गहरी चट्टानों की रक्षा करने की तत्काल जरूरत
डाउन टू अर्थ, 13 दिसंबर जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के सम्मेलन की पंद्रहवीं (कॉप 15) बैठक जारी है, जिसमें दुनिया भर के नेता, सरकार के वार्ताकार, वैज्ञानिक और संरक्षणवादी हिस्सा ले रहे हैं। जो सात दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी, इसमें शामिल लोगों का उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान को रोकने और उसे पहले जैसा रखने में सहमति बनाना है। इसी क्रम में...
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