कोरबा, नईदुनिया न्यूज। मैं भी अन्य बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी जीना चाहता हूं। स्कूल जाकर पढ़ाई करना चाहता हूं। बापू स्कूल नहीं जाने देते। जब घर में रहते हैं तो कुछ समय के लिए दरवाजा खोलते हैं। काम में जाने के पहले मुझे घर में बंद करके चले जाते हैं। यह बात कमरे के अंदर बंद 8 साल के सोनसाय पंडो ने दरवाजे के झरोखे से झांकते हुए कही। दरअसल...
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झुलसी महिलाओं को नयी जिंदगी
एक बार आग से जल जाने या झुलस जाने के बाद अमूमन जिंदगी पहले जैसी नहीं रह जाती है. शरीर का अगला हिस्सा या चेहरा जल जाये तो आत्मविश्वास डोल जाता है. यह हादसा महिलाओं के साथ हो जाये तो होनेवाली पीड़ा की सिर्फ कल्पना ही डरा देनेवाली है. चेन्नई में एक रेस्टोरेंट ऐसा है, जो ऐसी पीड़िताओं को नौकरी दे कर उनमें आत्मविश्वास भरने का काम कर रहा है....
More »SC ने सोशल मीडिया साइट पर प्राइवेसी को लेकर सरकार से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने व्हाटसऐप और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये निजी संवाद का व्यावसायिक शोषण को नियंत्रित करने के लिये प्राइवेसी की पॉलिसी बनाने के लिए दायर याचिका पर सरकार और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से सोमवार को जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने व्हाटसऐप और फेसबुक को भी नोटिस जारी किये हैं। इन सभी को दो सप्ताह के...
More »4 साल की उम्र के बच्चों से उठवाई जाती थी ईंटे, जुल्म के भट्टे से 200 मासूमों को बचाया
बचपन, जीवन के उन खुशनुमा पलों में से एक होता है जब इंसान बेफिक्रियों के बादलों में घिरा होता है। इन पलों में बाल मजदूरी करना उनके लिए एक सजा है। देश में बाल मजदूरी को रोकने के लिए ढेरों नियम-कानून बनाए गए हैं, इसके बावजूद बाल मजदूरी आंकड़ों के आंकड़ों में कमी नहीं आई है। ये ऐसा गैरकानूनी कृत्य है, जो बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजूबर...
More »धर्म और जाति पर न हो वोट--- विश्वनाथ सचदेव
‘अभी रुग्ण है तेरे-मेरे जीने का विश्वास रे', इस पंक्ति में कवि ने जीने के विश्वास को परिभाषित करते हुए उन जनतांत्रिक मूल्यों-सिद्धांतों का हवाला दिया था, जिनके आधार पर हमने स्वतंत्रता पाने के बाद एक पंथ-निरपेक्ष, समतावादी राष्ट्र-समाज के निर्माण का संकल्प लिया था. यह त्रासदी ही है कि वैसा समाज, वैसी व्यवस्था आज भी एक सपना ही है. आज भी हमारा देश धर्मों, जातियों, वर्गों में बंटा हुआ...
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