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भारत में बाल-मजदूरों की तादाद 3 करोड़ से ज्यादा - सेव द चिल्ड्रेन की नई रिपोर्ट

क्या आप जानते हैं कि यंगिस्तान यानी नौजवानों का देश कहलावाने वाले भारत में बच्चों की दशा कैसी है ? नीचे लिखे तथ्यों को ध्यान से पढ़िए और खुद ही फैसला कीजिए.   बच्चों में कुपोषण का एक पैमाना है स्टटिंग और भारत में स्टटिंग के शिकार बच्चों की संख्या 4 करोड़ 80 लाख से अधिक है. यह दक्षिण अमेरिका के देश कोलंबिया की कुल आबादी(4 करोड़ 90 लाख) के बराबर है.   लगभग इतनी ही...

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गोरखालैंड की सियासत-- रशीद किदवई

दार्जीलिंग की सड़कों पर अंगरेजी और नेपाली में लगाये जा रहे हैं- 'वी वांट गोरखालैंड. गोरखालैंड-गोरखालैंड. गोरखालैंड चाहिन छ. चाहिन छ-चाहिन छ. हामरौ मांग गोरखालैंड.' इन्हीं नारों के बीच पश्चिम बंगाल इन दिनों गोरखालैंड की आग में जल रहा है. दरअसल, इस हिंसा और आगजनी के पीछे भाषाई राज्य की कल्पना है जिसने एक आंदोलन का रूप ले लिया है. पिछले सौ वर्षों से जारी गोरखालैंड की मांग को खुद...

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डिजिटल इंडिया: एक नजर--- रीतिका खेड़ा

जब सरकारी स्कूलों में, सरकार की ओर से इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी, तो इसे किस उपयोग में लाया जायेगा? सरकारी स्कूलों में इंटरनेट आने से आप और हम शायद यह जवाब देंगे कि इंटरनेट सुविधा बच्चों की पढ़ाई में इस्तेमाल होगी. आजकल के संपन्न शहरी परिवारों के बच्चे, घर पर उपलब्ध स्मार्टफोन और टैब्लेट्स पर इंटरनेट से बहुत कुछ सीखते हैं. जब कंप्यूटर आये थे, तब इनका भी बच्चों...

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क्या ‘मिड डे मील’ शिक्षा में घुन है?-- मणीन्द्र ठाकुर

ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षा की हालत कैसी है? यदि आप इस सवाल को लेकर नीतिकारों के पास जायेंगे, तो लगेगा कि अब भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है. क्योंकि बिहार के गांवों में भी लगभग सौ फीसदी बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं. लेकिन, धरातल पर कहानी कुछ और है. पिछले दिनों किसी गांव के एक विद्यालय में जाने का मौका मिला, जहां साठ-सत्तर के दशक तक...

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मजबूरी : बैल न होने पर किसान ने डोरे में अपनी दोनों बेटियाें को ही जोत दिया

सीहोर। बैल की जगह दो बच्चियों के द्वारा खीचे जा रहे डोरा (हल) की एक फोटो ने हलचल मचा दी है। ये फोटो मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बसंतपुर पांगरी गांव की है। इस फोटो में नजर आ रहे किसान सरदार बारेला का कहना है कि खेतों में जुताई के लिए बैल खरीदने के लिए पैसा नहीं है। इसी कारण मजबूरी में दोनाें बेटियों को बैल की...

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