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आखिर किस कीमत पर विकास? - एमएम बुच

प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत में तीव्र आर्थिक विकास और औद्योगीकरण आवश्यक है, किंतु उत्पादन की गुणवत्ता इतनी ऊंची होनी चाहिए कि विश्व भर में उसकी ख्याति हो। साथ ही विकास एवं औद्योगीकरण पर्यावरण के अनुकूल हो। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए कि विकास के कारण पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यूपीए सरकार से यह शिकायत रहा करती थी कि भू-अर्जन नीति...

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सोयाबीन के एक पौधे में 700 फलियां!

कमलेश सेन, सनावद। समूचे निमाड़ में एक ओर जहां सोयाबीन व मिर्च फसल पर वायरस के प्रकोप की खबरें आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर एक किसान ने फसल में ऐसा प्रयोग किया कि सोयाबीन के एक-एक पौधे पर लगभग 700 फलियां लग रही हैं। यह बात सुन आश्चर्य व्यक्त कर कृषक फसल देखने व प्रयोग समझने पहुंच रहे हैं, वहीं अधिकारियों ने ऐसा होने पर कृषक को पुरस्कृत करवाने...

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कश्मीर में हुई तबाही का असर इंदौर पर

अक्षय बाजपेई, इंदौर। धरती के स्वर्ग कश्मीर में बाढ़ से हुई तबाही का असर इंदौर के फल बाजार पर नजर आ रहा है। जो सेवफल कुछ दिनों पहले 60 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, उसके दाम अब 100 से 120 रुपए किलो तक पहुंच चुके हैं। यही हाल कश्मीर से आने वाले अन्य फलों का भी है। कश्मीर से हर साल इसी सीजन में फलों की गाड़ियां...

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शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है इबोला: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप को सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया है साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र इससे अकेले नहीं निपट सकता. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने इस बीमारी को रोकने के लिए आपात स्वास्थ्य मिशन तैनात करने का फैसला किया है. सुरक्षा परिषद को कल अपनी टिप्पणी में बान ने कहा कि बीमारी को रोकने के लिए...

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बदलते पर्यावरण की विनाशलीला - सुनीता नारायण

जम्मू-कश्मीर 60 साल की सबसे भयानक बाढ़ के अभिशाप को झेल रहा है। छह लाख लोग फंसे हुए हैं और 200 से ज्यादा के मरने की खबर है। इसके साथ ही धीरे-धीरे अब सबका ध्यान इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारणों की तरफ जा रहा है। कहा जा रहा है कि बाढ़ के पानी ने अचानक ही इस राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लिया। लेकिन यह कैसे हुआ? हर...

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