हाल में एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट हैरान करने वाली थी। पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान 29 राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 1.14 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को न वसूल हो सकने वाले डूबत खाते में डाल दिया। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 7.32 लाख करोड़ रुपये का ऋण आश्चर्यजनक रूप से सिर्फ दस कंपनियों को दिए गए था। ये रिपोर्टें ऐसे वक्त में आ रही हैं, जब आर्थिक...
More »SEARCH RESULT
प्रति व्यक्ति आय 6,453 रुपये मासिक रहने का अनुमान
देश की प्रति व्यक्ति आय 2015-16 में 6.2 प्रतिशत बढ़कर 6,452.58 रुपये मासिक रहने का अनुमान है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों में यह कहा गया है। सीएसओ द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक आधार पर (2011-12 के मूल्यों पर) देश की प्रति व्यक्ति आय 2015-16 में 77,431 रुपये वार्षिक रहने का अनुमान है जो 2014-15 में 72,889 रुपये वार्षिक थी। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय...
More »मनरेगा के दस साल
दुनिया भर में रोजगार की सबसे बड़ी सरकारी योजना के रूप में प्रसिद्धि अर्जित कर चुके ‘मनरेगा' के दस साल पूरे होने पर नयी सरकार ने ठीक ही उसे राष्ट्रीय गौरव का विषय करार दिया है. व्यापक भ्रष्टाचार, पारदर्शिता के अभाव, निर्धारित दिनों से कम रोजगार देने और सरकारी धन को बगैर किसी पूंजीगत हासिल के बांटने के आरोपों के बावजूद, मनरेगा ने अपने दस साल के सफर में...
More »कृषि, पशुपालन, शिक्षा व सिंचाई पर अधिक हो जोर
पटना : नये वित्तीय वर्ष 2016-17 का बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. बेहतर और जनोपयोगी बजट बनाने के लिए वित्त विभाग ने आम लोगों से बजट पूर्व सुझाव मांगने को लेकर पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में आम लोगों के साथ बैठक की. इस दौरान बजट में ज्यादा-से-ज्यादा जन कल्याणकारी योजनाओं को तरजीह देने के लिए तीनों स्थानों पर लोगों ने मौखिक और लिखित रूप में...
More »बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
More »