नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दस साल पहले शुरू हुई क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों [आरटीओ] के कंप्यूटरीकरण की परियोजना अब इस साल जुलाई में पूरी होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की मानें तो राज्य सरकारों की हीला हवाली से यह परियोजना अटकी रही है। परंतु अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सख्ती से इस पर काम तेज हुआ है। सरकार ने आरटीओ कार्यालयों में धड़ल्ले से चल रहे फर्जीवाड़े पर...
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महिला श्रमिकों की पीड़ा
नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...
More »भू-अधिग्रहण और पुनर्वास बिल का विरोध
भूमि अधिग्रहण (संशोधन) और पुनर्वास बिल को चालू संसदीय सत्र में पास पास करवाने की हड़बड़ी दिखाने के कारण यूपीए सरकार की भूरपूर आलोचना हो रही है।दोनों बिल को गरीबी-विरोधी माना जा रहा है क्योंकि इन बिलों के प्रावधानों से जाहिर होता है कि किसान अपनी जमीन से वंचित किए जायेंगे और इनका भारी संख्या में अपने वास स्थान से विस्थापन होगा। उपर्युक्त दोनों बिलों को पास करवाने की हड़बड़ी का...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »सूचना का अधिकार
[inside]आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने पर मार दिए गये बिहार के निवासियों पर एक रिपोर्ट आई है. जानिये रिपोर्ट की मुख्य बातें[/inside] पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिये. साल 2010 से लेकर अब तक, बिहार में आरटीआई कानून का इस्तेमाल करने के कारण कुल 20 कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गवाई है. लगभग आधे कार्यकर्ताओं की हत्या पिछले 4 साल में हुई हैं. वर्ष 2018 में छह कार्यकर्ताओं की हत्या की...
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