जलवायु परिवर्तन, भूख, कुपोषण, बढ़ती गरीबी, घटते संसाधन, ये सभी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आज सारी दुनिया जूझ रही है। अरबों रुपए इन समस्याओं के हल के लिए अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों पर खर्च किए जा चुके हैं। आगे भी किए जाएंगे। पर हल तब भी शायद ही निकले। तो क्या किया जाए? गांधी-विचारों में रची-बसी, स्वाश्रयी महिला सेवा संघ (सेवा), अमदाबाद की संस्थापक और गुजरात विद्यापीठ की चांसलर इला भट्ट के...
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'क्या नोटबंदी ने एक नए भ्रष्टाचार को जन्म दिया?'--- क़मर वहीद नक़वी
नोटबंदी में देश क़तारबंद है. आज एक महीना हो गया. बैंकों और एटीएम के सामने क़तारें बदस्तूर हैं. जहाँ लाइन न दिखे, समझ लीजिए कि वहाँ नक़दी नहीं है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बस पचास दिन की तकलीफ़ है. तीस दिन तो निकल गए. बीस दिन बाद क्या हालात पहले की तरह सामान्य हो जायेंगे? क्या लाइनें ख़त्म हो जाएंगी? और क्या 30 दिसंबर के बाद जवाब मिल जाएगा...
More »ज्यादातर गरीबों के पास अपने घर, अमीर रहते किराये के मकानों में
अगर आप घर को संपन्नता का प्रतीक मानते हैं, तो अपनी सोच बदलें। हमारे देश में अमीरों की तुलना में ज्यादा संख्या में गरीब अपने मकानों में रहते हैं। जबकि संपन्न वर्ग का एक बड़ा हिस्सा किराये के मकान में रहता है। पीपुल रिसर्च ऑन इंडियन कंज्यूमर इकोनॉमी के राष्ट्रीय सर्वे में यह दावा किया गया है। हालांकि भारत के उलट विकसित देशों में ज्यादा पैसे वाले लोग अपने घरों में...
More »2020 तक शहरी गरीबों को मिलेगा पक्का मकान
रांची : केंद्रीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीब उपशमन मंत्री वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में सहयोग की अपील की है. योजना के तहत शहरी क्षेत्र में रहनेवाले गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध कराये जाने हैं. श्री नायडू ने लिखा है कि झारखंड सरकार मदद करेगी, तो वर्ष 2019-20 तक राज्य में रहनेवाले सभी शहरी गरीबों को योजना के...
More »बीमारी की दहशत, घरवालों को भेज रहे गांव से बाहर
बड़वानी-खेतिया। जिले के खेतिया क्षेत्र में गत दिनों फैली उल्टी-दस्त की बीमारी के बाद इसके कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। नईदुनिया ने ग्राम मोरतलाई पहुंच स्थिति का जायजा लिया, तो पता चला कि गांव में बीमारी की दहशत से कई परिवारों में महिलाओं व बच्चों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया गया है। इससे एक ओर जहां गांव सूना-सूना नजर आ रहा है, वहीं स्कूलों में भी...
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