SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 717

नागरिकता (संशोधन) विधेयक के ज़रिये भाजपा जिन्ना की राह पर चल पड़ी है

कमज़ोर आर्थिक हैसियत के लोगों को आरक्षण देने के मसले पर संसद में चले रहे सियासी नाटक को देखने और उसपर टिप्पणी करने में लगा हुआ था कि मेरे मोबाइल पर असम के एक साथी का एसएमएस आया: ‘आज जब नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर पूरा असम सुलग रहा है तो राष्ट्रीय मीडिया में बहस 10 फीसद के आरक्षण वाले विधेयक की चल रही है.' साथी की बात एकदम सही है....

More »

कर्जमाफी को बड़ा मुद्दा बनाएगी कांग्रेस, किसानों का भरोेसा जीतने की होगी कोशिश

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसानों की कर्ज माफी के ऐलान के बाद कांग्रेस कर्ज माफी को लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाएगी। वह किसानों का भरोसा जीतने के लिए सभी प्रदेशों में सम्मेलन की तैयारी कर रही है, जिनमें किसानों का कर्ज माफ करने और उनकी फसल का उचित दाम दिलाने का वादा किया जाएगा। कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाने...

More »

अब 5वीं और 8वीं में भी बच्चों को फेल कर सकेंगे राज्य

राज्य सरकारों को पांचवी और आठवीं कक्षा में परीक्षा आयोजित कराने का अधिकार देने वाला ‘नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) बिल- 2017' गुरुवार को राज्यसभा से पारित हो गया। विधेयक लोकसभा से बीते मानसून सत्र में पारित हो चुका था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। संशोधित विधयेक में कक्षा में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को कक्षा में रोकने या नहीं...

More »

लैंगिक भेदभाव के खिलाफ खड़ा साल--

साल 2018 भारत की महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। अधिकारों के नजरिए से देखें, तो उन्होंने फिर से अपना सही मुकाम हासिल किया। यह वर्ष देश की शीर्ष अदालत द्वारा महिलाओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसले सुनाने का भी गवाह बना। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को रद्द किया, महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना के सांविधानिक अधिकार दिए, ‘तीन तलाक' खत्म किया, एडल्टरी यानी व्यभिचार को...

More »

जीत गईं जातियां, हार गईं जातियां- जिल वर्निस

मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख हिंदी भाषी प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कांग्रेस की जीत 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से भारत में हुआ सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। मगर नवनिर्वाचित विधायकों का जातिगत विश्लेषण यह बताता है कि इन दोनों सूबों में सत्ता का बंटवारा जिन-जिन सामाजिक समूहों में है, उनके सियासी रुतबे में इस राजनीतिक बदलाव के बावजूद कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है।...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close