केन्द्र सरकार ने किसानों के लिये फसल बीमा की नई स्कीम घोषित की है। अनुमान है कि धरती का तापमान बढ़ने के कारण सुनामी, बाढ़, तूफान तथा सूखे जैसे मौसम में उपद्रव बढ़ेंगे। तदनुसार किसानों की समस्यायें बढ़ेंगी। फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने अथवा खेती से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है। हालांकि, कागजी उलझनों के कारण इसके...
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क्लाइमेट चेंज पर जरूरी है नियंत्रण-- भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा स्कीम घोषित की है. धरती का तापमान बढ़ने से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी. तदानुसार, किसानों की समस्याएं बढ़ेंगी. फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने या खेती से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है. हालांकि, इसके सफल होने में संदेह है. दरअसल, किसानों को फसलों के नुकसान की भरपाई हो जाये, तो...
More »ऐसे तो निर्मल नहीं होगी गंगा-- भरत झुनझुनवाला
सरकार गंगा को निर्मल बनाना चाहती है. ‘निर्मल' का अर्थ हुआ कि पानी शुद्ध है. शुद्धता बहाव से आती है. जैसे ठहरा हुआ पानी एक सप्ताह बाद सड़ने लगता है, लेकिन फुहारे से नाचता पानी शुद्ध रहता है, यह बात नदियों की निर्मलता पर भी लागू होती है. सरकार का प्रयास है कि गंगा के पानी को साफ कर दिया जाये. नगरपालिकाओं को सीवर प्लांट लगाने के लिए धन आवंटित...
More »असल मुद्दों से डगमगाते रहे पूरे साल - मृणाल पांडे
साल 2015 विदा हो रहा है। इस साल भी हमारे नेता, अभिनेता, प्रतिपक्ष और समाज के पुरोधा असली मुद्दों पर कम, प्रतीकों के गिर्द ही अपनी नीतियां और रणनीतियां गढ़ते, झगड़ते रहे। ध्यान का केंद्र चाहे असेंबली चुनाव हों, या महिला सुरक्षा, बिगड़ते पर्यावरण से जुडे बाढ़-सुखाड़ हों अथवा सार्वजनिक परिवहन या विदेश नीति, जिस तरह उन पर संसद के भीतर-बाहर और टीवी पर्दों पर टकराव हुए, तलवारें चलीं, लगा...
More »बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास
इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...
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