फलौदी. फलौदी उपखण्ड क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संगठित गिरोह द्वारा किसानों की हजारों बीघा कृषि भूमि का विभिन्न कंपनियों के नाम बेचान के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने कंपनी से सभी प्रकरणों के ओरिजनल एग्रीमेंट और मुख्तयारनामे जब्त कर लिए हैं जिससे इनके दुरुपयोग की आशंका समाप्त हो गई है। यह जानकारी पुलिस उप महानिरीक्षक गिरधारीलाल शर्मा ने रविवार को फलौदी में...
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बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »नर्मदा से आगे जाती एक लड़ाई...
सरकारी दुराग्रहों के बावजूद भारत में सबसे लंबे समय से चल रहे 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' ने 25 साल पूरे कर लिए हैं. प्रियंका दुबे इस आंदोलन के उतार-चढ़ाव भरे सफर को साझा करते हुए बता रही हैं आज यह आंदोलन किस भूमिका में है. विंध्यांचल और सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं के बीच बसे अपेक्षाकृत शांत निमाड़ अंचल में उस दिन शाम गहराने के साथ-साथ हलचल बढ़ती जा रही थी. पश्चिमी मध्य प्रदेश...
More »प्रतिबद्ध पत्रकार बड़ा बदलाव ला सकते हैं- ज्यां द्रेज
1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
More »अपने हक के लिए संगठित हो रहे हैं आदिवासी
जागरण ब्यूरो भोपाल, 6 सितंबर। मध्यप्रदेश में आदिवासी राजनीति एक बार फिर गरमा रही है। भाजपा के आदिवासी नेता अगले माह भोपाल में एक मंच पर एकत्रित हो रहे हैं। इस मंच पर आदिवासी अपने हकों की लड़ाई लड़ने का एलान करेंगे। आदिवासी नेताओं को एक मंच पर लाने का काम अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के विभाजन के बाद से ही यह...
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