फिल्मों के ग्लैमरस संसार से आयीं जयललिता को राजनीति में प्रवेश करने के पहले कई प्रकार के अवरोधों, अपमानों और दुर्व्यवहारों का सामना भी करना पड़ा. शायद उनके अप्रत्याशित व्यवहार के पीछे यह भी एक बड़ा कारण था. पर, उनकी गरीबनवाज छवि ने उनके सारे दोषों को धो दिया. उनके ऐसे व्यक्तित्व को विकसित करने में तमिलनाडु की विलक्षण व्यक्ति-पूजा का भी योगदान है. भारतीय राजनीति में बड़े-बड़े कटआउटों की...
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परिंदों के संग उड़कर आता बुखार--
तीन साल पहले भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सूचित किया था कि उसके यहां बर्ड फ्लू का कोई नया मामला नहीं दिखा है, लिहाजा वह बर्ड फ्लू मुक्त देश है। ऐसी घोषणाओं के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी की जरूरत होती हो या नहीं, पर देश की राजधानी दिल्ली में बर्ड फ्लू से हुई दो दर्जन पक्षियों की मौतों ने साबित कर दिया है कि संक्रामक बीमारियों के वायरस...
More »दलाली ऐसी कि जाती ही नहीं-- अनिल रघुराज
अपने समाज में हर तरफ दलाली का बोलबाला है. जिधर भी देखिये, दलाल ही दलाल. पेशे की दलाली को छोड़ दीजिये. अब तो हर पेशे में दलालों ने ठौर बना लिया है. जो जितना बड़ा दलाल है, वह उतना ही रसूख और दौलत वाला है. लेकिन, किसी को गलती से भी दलाल कह दो, तो उखड़ कर आपको जाने क्या-क्या कह डालता है. कारण, दलाली के लिए छवि का बड़ा...
More »हम किसे गरीब माने-- अवधेश कुमार
हमारे-आपके लिए कौन गरीब है इसे अपने आसपास पहचानना कठिन नहीं है। लेकिन जब सरकार की ओर से गरीबों की औपचारिक पहचान की बात आती है तो समस्या बढ़ जाती है। वास्तव में भारत में कौन गरीब है इसके निर्धारण का प्रश्न एक जटिल पहेली की तरह हमारे सामने लंबे समय से खड़ा है। गरीबी तय करने को लेकर समय-समय पर कुछ मानक निर्धारित किए गए और उनके आधार पर...
More »कितने दाना मांझी-- रघु ठाकुर
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के आदिवासी बहुल करहल प्रखंड में कुपोषण के चलते बीते बारह सितंबर तक उन्नीस बच्चे मौत के शिकार हो चुके थे, लगभग सौ बच्चे बीमार थे, जिनमें छत्तीस बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। हो सकता है कि इसे बाकी खबरों की तरह एक सामान्य खबर मान कर लोग आगे बढ़ जाएं। लेकिन मेरे दिमाग में वह व्यवस्था घूम रही थी, जिसके जटिल तंत्र की...
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