जनसत्ता 25 मई, 2013: भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र संकट की स्थिति में है। गांवों के लिए विशेष स्वास्थ्य मिशन स्थापित करने के बावजूद अधिकतर जरूरतमंद गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, या इन्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें असहनीय खर्च करना पड़ता है। इलाज पर आने वाला खर्च कर्जग्रस्त होने और गरीबी में धकेले जाने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस...
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला और सस्ती दवाइयों का मुद्दा
रक्त-कैंसर रोधी महंगी और पुरस्कार प्राप्त दवा ग्लीवेक से जुड़े पेंटेंट अधिकार की भारत में रक्षा की जाय- दवा बनाने वाली मशहूर नोवार्टिस कंपनी ने यह गुहार लगायी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इसे खारिज कर दिया।कोर्ट के फैसले के बाद एक दफे फिर से देश में यह बहस शुरु हो गई है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है और सरकार की स्वास्थ्य नीति हर जरुरतमंद को...
More »होमियोपैथी की महत्ता को पहचानिए ।। डॉ एके अरुण ।।
प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को दुनिया भर में ‘विश्व होमियोपैथी दिवस\' के रूप में याद किया जाता है. इस बहाने होमियोपैथी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा जरूरी है. यों तो शुरू से ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी का होमियोपैथी के प्रति तंग नजरिया रहा है. एक सहज एवं सस्ती चिकित्सा प्रणाली होते हुए भी होमियोपैथी को कभी महत्वपूर्ण या प्रमुख चिकित्सा पद्धति नहीं माना गया. लेकिन इस दो शताब्दी में...
More »खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें
संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...
More »आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन
आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...
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