SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1038

कैसा विकास: अपने बच्चों के लिए पोषक आहार खरीदने में असमर्थ है दुनिया की 42 फीसदी आबादी

-डाउन टू अर्थ, एक ओर तो हम विकास की बड़ी-बड़ी बाते करते हैं वहीं दूसरी ओर देखें तो दुनिया में अभी भी करीब 42 फीसदी आबादी पौष्टिक आहार खरीदने में असमर्थ है। जिसका मतलब है कि 300 करोड़ से ज्यादा लोग अपने और अपने परिवार के लिए ऐसा आहार खरीदने के काबिल नहीं हैं जो उन्हें और उनके बच्चों को पर्याप्त पोषण दे सकता है। यही नहीं खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ)...

More »

कृषि बिल: जितनी आसानी से पीएम ने कह दिया, उतनी आसान नहीं है यह जीत

-न्यूजलॉन्ड्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करते हुए किसानों से माफी मांगी. किसान एक साल से दिल्ली के अलग-अलग बार्डर पर विवादित कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पीेएम मोदी के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि उनकी यह तपस्या सही साबित हुई. हालांकि किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,...

More »

एनएफएचएस-5 : भारत में अब भी पुरुषों से ज्यादा नहीं हैं महिलाएं , जानिए क्यों?

-डाउन टू अर्थ, पांचवे चरण के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के मुताबिक भारत में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1020 पहुंच गई है। ऐसा उत्साहजनक आंकड़ा अब तक के सभी पुराने चार एनएफएचएस ( 1992 से 2016 तक) रिपोर्ट में कभी नहीं दर्ज किया गया। इसके बावजूद यह उत्साह का विषय नहीं है क्योंकि लिंगानुपात के मुद्दे पर काम करने वाले एक्सपर्ट यह मानते हैं कि एनएफएचएस के...

More »

आत्महत्याओं पर एनसीआरबी डेटा को सावधानी के साथ समझना

पिछले वर्षों की तुलना में 2020 के दौरान भारत में आत्महत्याओं की कुल संख्या में वृद्धि हाल ही में सुर्खियों में रही है. जबकि कुछ मीडिया टिप्पणीकारों ने कहा है कि 2020 में आर्थिक संकट (नौकरी छूटने, आय में कमी, व्यवसाय में विफलता और बढ़ती भूख, अन्य कारणों के अलावा) के कारण अधिक आत्महत्याएं हो सकती हैं, अन्य ने कहा है कि घर में अलगाव और बिगड़ती मानसिक स्वास्थ्य स्थिति...

More »

राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी

-रूरल वॉइस,  गुरू पर्व के मौके पर 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करने के साथ ही यह बात अब साफ हो गई है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी हो गई है। आने वाले दिनों में राजनीति की दिशा के साथ ही आर्थिक नीतियों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। 1991 की आर्थिक उदारीकरण...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close