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अर्थशास्त्रियों ने की प्रधानमंत्री से गुजारिश, मनरेगा के प्रावधानों को कमजोर न किया जाए

नई दिल्ली: देश के कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के प्रावधानों को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के जरिये लाखों गरीबों को आर्थिक सुरक्षा मिली है। प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र पर दस्तखत करने वालों में दिलीप एब्रेयू (प्रिंसटन विश्वविद्यालय), प्रणब बर्धन (कैलिफोर्निया बर्कली विश्वविद्यालय), वी भास्कर (ऑस्टिन में टेक्सस विश्वविद्यालय), ज्यां द्रेज (अतिथि प्रोफेसर, रांची विश्वविद्यालय),...

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चीनी की कम होती मिठास - के सी त्यागी

जनसत्ता 14 अक्तूबर, 2014: महाराष्ट्र की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में स्वीकार किया कि प्रतिवर्ष लगभग सैंतीस सौ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मगर दूसरी तरफ उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा दिया जाने वाला (समर्थन मूल्य के अतिरिक्त) बोनस रोकने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने...

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दो गायें रखने के लिए भी अब लेना होगा लाइसेंस

पटना : राजधानी में 24 नवंबर के बाद बिना लाइसेंस के खटाल नहीं रह पायेंगे. पटना हाइकोर्ट ने नगर निगम को हर हाल में ऐसे खटालों को शहर से हटाने का निर्देश दिया है. निजी उपयोग के लिए दो गाय रखनेवालों को भी नगर निगम से अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति और लाइसेंस के खटाल या गाय रखनेवालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. कोर्ट ने इसके लिए 24 नवंबर...

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मनरेगा पर नयी सरकार की सोच - चंदन श्रीवास्तव

किसी एक को या कुछ एक को मिले तो वह ‘दान' या फिर ‘उपहार' कहला सकता है, अधिकार नहीं. देनेवाले ने दया-दृष्टि से दिया तो ‘दान' और अगर चुनने-छांटने के मामले में अपने को आजाद मान कर दिया, तो ‘उपहार'. अधिकार न तो ‘दान' होता है और ना ही ‘उपहार', वह एक गुण की तरह है. जैसे दाल में नमक डालने से दाल के कण-कण नमक से भींग जाते हैं,...

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बे-कायदा क्यों हों कैदखाने? - गोपालकृष्‍ण गांधी

अदालती फैसलों की कानूनी वजहें होती हैं। अदालतें बहुत सोच-समझकर, ध्यान से, अपने नतीजों पर आती हैं। उन्हें हमें बाइज्जत कुबूल करना चाहिए। उन पर अगर हमें कुछ कहना हो तो वह बहुत समझ-बूझकर, ध्यान से ही कहना चाहिए। वैसा ही इस छोटे-से रिसाले में करना चाहूंगा। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता-जी के 'केस" पर मैं कुछ नहीं कह सकता। अव्वल, मैं उस मामले की तफसीली अंतर्वस्तुओं से वाकिफ ही नहीं। अच्छा ही है!...

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