कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...
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ढाई एकड़ तक कृषि भूमि वाले असंगठित मजदूर
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में ढाई एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों को असंगठित मजूदरों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सीमांत किसानों और भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के हित में निर्णय लेकर उन्हें असंगठित मजदूरों के रूप में मान्यता दी है। राज्य के श्रम मंत्री चन्द्रशेखर साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ढाई...
More »कुपोषित बच्चों का हो नियमित परीक्षण
देहरादून, जागरण ब्यूरो: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री अमृता रावत ने महिलाओं के जीवन स्तर व आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए संचालित योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार और आंगनबाड़ी केंद्रों की कमी दूर कर अच्छे पुष्टाहार वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुपोषण के शिकार बच्चों का सरकारी अस्पतालों में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश भी दिए। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक...
More »गुजरात के इन गांवों में कोई नहीं ब्याहना चाहता अपनी बेटी
राजपीपला। गुजरात की जीवन-रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के डेम से कुछ ही दूरी पर स्थित होने पर भी यहां के दो गांवों में पीने का पानी नहीं है। पानी की यहां इस कदर किल्लत है कि अन्य गांव के लोग इन गांवों में अपनी बेटी ब्याहने तैयार नहीं होते हैं। राजपीपला शहर के पास स्थित इन दो गांवों के नाम हैं देवलिया और जैतपुर। आजादी के 63 वर्षो के...
More »बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
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