उपभोक्तावाद पर कई बेदिमाग टिप्पणियों से यह भी साफ झलकता है कि कई महानगरीय लेखकों की नजर अहं भरी है। उनकी राय है कि गांव या कसबे का बेचारा मनई पूरी तरह बाजार के हाथों की कठपुतली बन नाच रहा है। शहरी बड़े भैया लोगों का यह तर्क आगे जाकर शहरों, खासकर बड़े शहरों के उपभोक्ता को एक अनैतिक उपभोगवादी बाजार बंधु और ग्रामीण मजूर किसानों का खतरनाक वर्ग शत्रु...
More »SEARCH RESULT
इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »किशोर आबादी के कुछ अनजाने तथ्य - यूनिसेफ की नई रिपोर्ट
दुनिया में किशोर उम्र के लोगों की तादाद 1 अरब 20 लाख है लेकिन आबादी के इतने बड़े हिस्से के रोजमर्रा की जिन्दगी के बारे में- उसके आस-निरास, आशा-आकांक्षा और उसके सामने खड़ी बाधाओं के बारे में हमारी जानकारी कितनी है ? यूनिसेफ की नई रिपोर्ट प्रोग्रेस फॉर चिल्ड्रेन- अ रिपोर्टकार्ड ऑन एडोलेसेंट का निष्कर्ष है- “ बहुत कम ।” मिसाल के लिए भारत के बारे में ही सोचें। विज्ञापनों की...
More »भिक्षु को फोर्स फीडिंग भी कब तक
वाराणसी। कबीरचौरा चिकित्सालय में प्रशासन द्वारा भरती कराए गए गंगा प्रेमी भिक्षु को अब ज्यादा दिनों तक फोर्स फीडिंग पर भी सकुशल नहीं रखा जा सकता। बुधवार को अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा परीक्षण करने के बाद यह स्पष्ट कहा गया कि उन्हें ज्यादा दिनों तक फोर्स फीडिंग के सहारे नहीं रखा जा सकता। गंगा प्रेमी भिक्षु की शारीरिक दशा फिलहाल स्थिर बनी हुई है। उन्हें नली के जरिए भोजन और पोषक तत्व मिश्रित...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
More »