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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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किन्नौर में 52 फर्जी राशनकार्ड

प्रदेश में फर्जी राशन कार्ड बनाने की फेहरिस्त में किन्नौर भी शामिल हुआ है। किन्नौर की विभिन्न पंचायतों में निरीक्षण के दौरान 52 राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी जय सिंह वर्मा ने निरीक्षण के दौरान फर्जी राशनकार्ड पाए। उपायुक्त किन्नौर ममता ने ऐसे राशनकार्डो को तुरंत प्रभाव से रद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित पंचायत प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई कर मामला जिला पंचायत अधिकारी को...

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वैज्ञानिक युग में भी नक्षत्रों के आधार पर खेती

पटना वैज्ञानिक युग में भी नक्षत्रों पर कृषि निर्भर है। इसके आधार पर ही खेती होने की स्थिति में पैदावार में वृद्धि के साथ ही फसल को कीड़ों के प्रकोप से बचाया जा सकता है। सरकारी कृषि फार्म में भी रोहिणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए बीज गिराए गए हैं। फार्म में खेती के लिए 8 करोड़ रुपये विमुक्त किए गए हैं। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार धान का विचड़ा डालने के...

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जेंडर बजट 2011 में बिहार की नयी ऊंचाई

पटना। अवधारणा के स्तर पर हुए परिवर्तन ने बिहार में जेंडर बजट को नयी ऊंचाई दी है। दो वर्ष पूर्व 2008 में पहली बार बजट में स्त्री पक्ष की हिस्सेदारी सुनिश्चित हुई। सरकार ने इस तथ्य को पहचाना कि लोक व्यय में जब तक आधी आबादी के सबलीकरण के लिए ठोस प्रबंध नहीं होगा, आधी जनसंख्या की विकास में भागीदारी नहीं हो सकेगी। इसी पैटर्न पर योजनाओं को दो श्रेणी में बांटा गया और फिर...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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