-जनपथ, सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे का जहां भव्य मंच है, 12 फुट की दो-दो एलईडी स्क्रीन लगी है और मंच से कुछ दूरी पर इसी तरह की अन्य स्क्रीन भी हैं। शाम पांच बजे तक यहां वक्ताओं की तस्वीरें दिखाई जाती हैं और अँधेरा होते ही वहां का नज़ारा ओपन थियेटर जैसा हो जाता है। यहां किसानों और सिख परम्परा से जुड़ी फ़िल्में दिखाई जाती हैं। आंदोलन के चढ़ाव...
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‘सरकार के नए कृषि बाज़ार में क्या बेचें, जब आवारा पशुओं से हमारी फसल बचती ही नहीं’
-द वायर, रात के करीब 10 बज चुके हैं, ऊपर आसमान में तारे एकदम साफ दिखाई दे रहे है, सनसनाती हवाएं चल रही है और आस-पास एकदम सन्नाटा पसरा हुआ है. इसी बीच गांव से करीब दो किलोमीटर दूर अपने खेत के एक कोने में फूलचंद ने कांपते हुए आग जलाई और गीली मिट्टी से सने अपने पैरों को गर्म करने लगे. कुछ देर पहले ही करीब 50 पशुओं का एक झुंड...
More »चीन की जीडीपी के आंकड़े आए सामने, कोरोना महामारी के बावजूद अर्थव्यवस्था में बढ़त
-बीबीसी, चीन के ताज़ा सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से सिर्फ़ चीन ने ही साल 2020 में बढ़ोतरी दर्ज की है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश चीन की जीडीपी की विकास दर 2.3 फ़ीसदी रही है. साल के आखिरी तिमाही में ये दर 6.5 फीसदी रही वहीं तीसरी तिमाही में ये दर 4.9 फीसदी थी. कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की...
More »जलवायु परिवर्तन: क्या अमेरिका का पेरिस डील से जुड़ना पर्याप्त होगा?
-न्यूजलॉन्ड्री, डोनाल्ड ट्रम्प की हार के बाद जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुहिम चला रहे संगठनों को आशा है कि अमेरिका एक बार फिर से पेरिस क्लाइमेट डील में शामिल हुआ तो धरती को बचाने की मुहिम तेज़ होगी. ट्रम्प ने 2016 में व्हाइट हाउस में दाखिल होने के साथ ही पेरिस डील से किनारा कर लिया था. उनके मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन कुछ नहीं बस भारत और चीन जैसे...
More »बिना समकालीन हुए, शाश्वत तक पहुंचना संभव नहीं है
-सत्याग्रह, विश्वासघात नहीं आयु के अस्सी वर्ष 16 जनवरी को पूरे कर लिये. इनमें से साठ से अधिक वर्ष कविता के साथ गुजारे हैं. उसके साथ, उसको भरसक रचते हुए, पर उससे अधिक दूसरों की कविता से प्रतिकृत होते हुए. न मैंने कविता का साथ छोड़ा, न कविता ने कभी मेरा साथ छोड़ा. अंधेरे समयों में उसकी रोशनी मिलती रही और जब कोई और पास न था वह थी, बिना संकोच, उदार...
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