छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों में आज भी महिलाओं को पुरुषों से ऊंचा दर्जा दिया जाता है और इसकी शुरुआत होती है परिवार में बेटियों को तवज्जो देने से. लेकिन राज्य की राजनीति में यह तस्वीर बिल्कुल उल्टी है. प्रियंका कौशल की रिपोर्ट. राजनीति में परिवारवाद ऐसी बुराई हो चली है जिसके खिलाफ कोई मुहिम नहीं छेड़ी जा सकती. अब यदि ऐसा है तो क्या इसमें कुछ सकारात्मक पक्ष खोजा जा सकता...
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बिहार में आदिम जनजाति के महज 7631 लोग
पटना: बिहार में आदिम जनजातियों की जनसंख्या तेजी से घट रही है. वर्ष 2001 में 9,274 संख्या थी, जो वर्ष 2012 में घट कर 7,631 हो गयी. एससी-एसटी कल्याण विभाग ने आदिम जनजातियों के लिए संरक्षण सह विकास योजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है, लेकिन छह माह बाद भी केंद्र ने इसे स्वीकृति नहीं दी है. आदिम जनजातियों की स्थिति पर अध्ययन कर पिछले साल विनोबा भावे विवि, हजारीबाग ने रिपोर्ट...
More »पत्रकारिता का लाइसेंस क्यों?- उर्मिलेश
जनसत्ता 22 अगस्त, 2013 : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू काफी दिनों से पत्रकारिता की तुलना वकालत और डॉक्टरी आदि जैसे पेशों से करते आ रहे हैं।उनका तर्क है कि अन्य सभी पेशों के लिए कुछ न कुछ योग्यता तय है। पर पत्रकार कोई भी बन जाता है! पांच-छह महीने पहले उनके इस आशय के बयानों पर काफी विवाद हुआ तो विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव देने के लिए उन्होंने...
More »सोनिया ने दिल्ली में खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ किया
नयी दिल्ली : संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक के पारित होने में हो रहे विलंब के बावजूद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्म दिन के मौके पर दिल्ली में महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की और इसे विश्व की अद्वितीय योजना करार दिया. यह योजना कांग्रेस शासित तीन राज्यों दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में शुरु की गई है. हालांकि कोलगेट संबंधी गुम फाइलों...
More »बहती धारा को बलपूर्वक रोका गया : वासवी
स्त्री एवं पुरुष समाज रूपी रथ के दो पहिया हैं. एक पहिया कमजोर हो जाय या टूट जाय तो रथ के आगे बढ़ने की संभावना क्षीण हो जाती है. इसके बाद भी बेटे को लेकर हमारा समाज जितना संजीदा है उतनी बेटियों को लेकर नहीं है. यही वजह है कि बेटियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं सुरक्षा की समस्या गंभीर बनी हुई है. बेटियों के मामले में कल्याणकारी राज्य के भी जो...
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