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शीतलहर का कहर: सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ेगी ठंड!

नई दिल्‍ली. राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरा उत्तर-पश्चिम भारत इस वक्त भीषण ठंड की चपेट में है। कश्मीर व हिमाचल के कई इलाकों में हो रही भीषण बर्फबारी और शीतलहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। उत्‍तर प्रदेश में ठंड के चलते 5 और लोगों की जान चली गई है। सर्द हवाओं ने राजधानी दिल्ली को इस कदर अपनी चपेट में लिया है कि सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों का घर...

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बिनायक बने या बना दिए गए खलनायक!

रायपुर.जेल में बंद माओवादी नेता नारायण सान्याल से उनके इलाज को लेकर डॉ. बिनायक सेन की मुलाकात को उनका कसूर बना दिया गया। डॉ. सेन ने ये मुलाकातें सिर्फ एक डॉक्टर के बतौर ही नहीं, बल्कि सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी की थीं। इसे छत्तीसगढ़ प्रशासन ने देशद्रोह बनाकर पेश किया। सबूतों पर एक नजर > डॉ. सेन ने 17 महीनों के दौरान सान्याल से 33 मुलाकातें कीं। इसके लिए जेल...

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लाल टमाटर भी कर रहा लाल

जालंधर। तड़के के राजा प्याज के साथ टमाटर की भी अहमीयत कम नहीं है। प्याज के दाम भले ही कुछ कम हुए हैं, लेकिन लाल टमाटर तड़के का अभी भी दुश्मन बन रहा है। 2-3 रुपए किलो बिकने वाले टमाटर की कीमतें आसमां छू रही हैं। यही टमाटर होलसेल में ही 30 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है, जबकि रीटेल में टमाटर 50 रुपए प्रति किलो से कम नहीं है। प्याज के...

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गांधी के सिवा कोई रास्ता नहीं है -- सच्चिदानंद सिंहा से आलोक प्रकाश पुतुल की बातचीत

सच्चिदानंद सिंहा भारत के उन चुनिंदा विचारकों में हैं, जो अपने समय से लगातार मुठभेड़ करते रहते हैं. 81 साल की उम्र में भी लगातार सक्रिय सच्चिदानंद सिंहा मानते हैं कि भारत में आने वाले दिनों में अगर किसी नये समाज का निर्माण करना है तो समाजवादी विचारकों को गांधी की कुछ बातों को स्वीकारना ही होगा. उनसे कुछ सामयिक मुद्दों पर की गई बातचीत यहां प्रकाशित की जा रही...

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अमेरिका में हर तीन में से एक कामकाजी परिवार संकट में

वाशिंगटन. अमेरिका में निम्न आय वर्ग के हर तीन में से एक कामकाजी व्यक्ति को रोजगार के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है, जिससे पूरा परिवार अपनी मूलभूत जरुरतों के लिए जूझ रहा है। इन परिवारों पर अमेरिकी जनगणना विभाग द्वारा किए एक अध्ययन के बाद यह खुलासा हुआ है। ये परिवार अधिकारी वर्ग की तुलना में औसतन 200 फीसदी से भी कम कमा रहे हैं। पूरे देश में इन कामकाजी परिवारों की संख्या भी...

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